ये आदतें जो बनेंगी आपके बच्चे की सफलता की चाबी, करें ऐसी परवरिश

क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चे की सुबह ताजगी और ऊर्जा से भरी हो, सिर्फ 5 मिनट की छोटी सी दिनचर्या से आप अपने बच्चे की सुबह को शानदार बना सकते हैं.

Bhawna Choubey
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बच्चों का बचपन कच्चे घड़े की तरह होता है, जिस तरह मिट्टी के घड़े को आकार दिया जा सकता है, उसी प्रकार बच्चों को बचपन से ही अच्छी अच्छी चीज़ें सिखाकर और अच्छे अच्छे संस्कार सिखाकर सही मार्गदर्शन पर लाया जा सकता है.

हर बच्चे को अच्छी सीख और संस्कार देने की शुरुआत घर से ही होती है. अगर माता-पिता अपने बच्चों को सही दिशा में आगे बढ़ना
और आदतें सिखाते हैं, तो वह ना सिर्फ़ जीवन में बहुत कुछ हासिल करते हैं, बल्कि एक अच्छे इंसान के रूप में भी आगे बढ़ते हैं.

बच्चों को ज़रूर सिखाएँ ये आदतें (Parenting Tips)

कुछ माता-पिता बच्चों को उनके बचपन में ज़्यादा सिखाना इसलिए ज़रूरी नहीं समझते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अभी उनका बच्चा छोटा है और जब बहुत बड़ा होगा तो वह अपने आप सब कुछ समझ ही जाएगा और सीख जाएगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप बचपन से ही अपने बच्चों को अच्छी अच्छी चीज़ें सिखाएंगे, तो जैसे जैसे वे बड़े होंगे उन्हें अच्छे गुण अपने आ जाएंगे.

समय की अहमियत बताएँ

बच्चों को बचपन से ही समय की अहमियत सिखाना बहुत ज़रूरी होता है. बड़े लोग तो यह बात बहुत अच्छे से समझते हैं , कि समय से ज़्यादा क़ीमती दुनिया में कुछ भी नहीं है.

लेकिन बच्चों को इस बात का अंदाज़ा नहीं रहता है और जाने अनजाने में भी अपना क़ीमती समय कुछ ऐसी चीज़ों या कुछ ऐसे लोगों के पीछे लगा देते हैं, जो केवल समय की बरबादी कहलाता है, इसलिए बचपन से ही बच्चों को अपनी क़ीमती समय की अहमियत बताएँ.

गलती को स्वीकार करना सिखाएं

हर माता पिता की यही ख़्वाहिश होती है, कि उनका बच्चा जीवन में एक बहुत ही अच्छा इंसान बनें. इसलिए सबसे ज़रूरी है कि आप उन्हें यह सिखाएं, कि गलतियों को स्वीकार करना कितना ज़रूरी है.

अक्सर यह आदत न सिर्फ़ बच्चे बल्कि बड़ों में भी होती है कोई भी अपनी गलती आसानी से मानता नहीं है, इसलिए आप बचपन से ही अपने बच्चों को सिखाएं की गलती मानना एक बहुत ही अच्छी आदत होती है.

सभी लोगों का मान-सम्मान करना सिखाएं

अपने बच्चों को हमेशा यह सिखाएं की बड़े बुजुर्गों की बातों का हमेशा सम्मान करना चाहिए, कभी भी बड़े लोगों को पलटकर उल्टा जवाब नहीं देना चाहिए.

बड़े लोगों में काफ़ी अनुभव होता है, अगर वे आपको कुछ कह रहे है, तो वे आपकी भलाई के लिए ही कह रहे होंगे. न सिर्फ़ बड़े लोग बल्कि अपने बराबर और अपने से छोटों का भी हमेशा सम्मान करना चाहिए.

दूसरों की मदद करना सिखाएं

अगर कोई आपको मुसीबत में दिख रहा है, किसी की मुसीबत ऐसी है जिसे आप आसानी से हल कर सकते हैं, तो आपको उसकी मदद ज़रूर करनी चाहिए. मदद करना एक बहुत ही अच्छी आदत होती है, जब हम किसी को मुसीबत में मदद करते हैं, तो जब हम मुसीबत में रहते हैं तो लोग हमारी मदद करते हैं.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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