भारतीय किसान संघ का 5 फरवरी को भोपाल में एकदिवसीय धरना, वल्लभ भवन का घेराव करेंगे, जानिए प्रमुख मांगें

संघ का आरोप है कि किसानों की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है और इसी कारण वो आंदोलन के लिए मजबूर हो गए हैं। इस रैली में मध्य भारत के सोलह जिलों के किसान भाग लेंगे। इस आंदोलन का उद्देश्य किसानों की समस्याओं को उठाने के साथ प्रशासन की अनदेखी को उजागर करना है। संघ की प्रमुख मांगों में गेंहू और धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि, भूमि और राजस्व संबंधित समस्याओं का समाधान, बिजली और कृषि के मुद्दों पर सुधार और किसानों के खिलाफ झूठे मामलों की वापसी शामिल है।

Shruty Kushwaha
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Bharatiya Kisan Union Announces One-Day Protest in Bhopal : भारतीय किसान संघ ने आगामी 5 फरवरी को भोपाल में एकदिवसीय धरने का ऐलान किया है। इस धरने के बाद संगठन वल्लभ भवन का घेराव भी करेगा। इस आंदोलन का नाम “किसान अधिकार रैली एवं वल्लभ भवन घेराव” रखा गया है। किसानों की समस्याओं और प्रशासन पर उनकी अनदेखी का आरोप लगाते हुए संघ ये आंदोलन करने जा रहा है।

भारतीय किसान संघ एक गैर-राजनीतिक राष्ट्रवादी संगठन है जिसकी स्थापना 4 मार्च 1979 को की गई थी। संघ अपनी स्थापना के बाद से ही किसानों के हितों और अधिकारों के लिए काम कर रहा है। अब भारतीय किसान संघ के प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा है कि वर्तमान में मध्य प्रदेश में किसानों की समस्याएं गंभीर हो चुकी हैं, और शासन-प्रशासन द्वारा किसानों की लगातार अनदेखी की जा रही है।

भारतीय किसान संघ का आंदोलन 5 फरवरी को

भारतीय किसान संघ 5 फरवरी को भोपाल में “किसान अधिकार रैली एवं वल्लभ भवन घेराव” करने जा रहा है। इस दौरान मध्य भारत प्रांत के सोलह जिले के किसान राजधानी में एक दिन के धरने पर बैठेंगे और फिर वल्लभ भवन का घेराव करेंगे। संघ के प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा कि सरकार योजनाएं बनाती है, घोषणाएं करती है उनकी बात नहीं सुन रही है और यही वजह है कि वो इस आंदोलन के लिए मजबूर हो गए है।

किसानों की प्रमुख मांगें

  1. राजस्व एवं भूमि संबंधित समस्याएं : राजस्व फोती नामांतरण, बंटवारा सीमांकन, ऑनलाइन रिकॉर्ड एवं नक्शा सुधारा जाए।
  2. समर्थन मूल्य : गेहूं का समर्थन मूल्य ₹2700 प्रति क्विंटल और धान का ₹3100 प्रति क्विंटल दिया जाए। सभी फसलों को समर्थन मूल्य से नीचे न खरीदा जाए।
  3. बिजली :हॉर्स पॉवर क्षमता वृद्धि वापस की जाए, जल चुके ट्रांसफार्मर और लाइनों की समय सीमा में बदली हो, ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की जाए। घरेलू एवं कृषि कनेक्शन की मौके पर की जाँच कराकर बिल राशि समाप्त किये जाये।
  4. कृषि : डी.ए.पी. और यूरिया खाद का नगद वितरण सहकारिता के माध्यम से और समय पर किया जाए। मण्डी में किसानों का भुगतान मण्डी परिसर में ही किया जाए और सभी मण्डियों में बड़े फ्लेट कोटे से तुलाई अनिवार्य की जाए।
  5. पशुपालन : नकली दूध बनाने और बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। गाय का दूध गुणवत्ता के आधार पर खरीदा जाए। गाय अभ्यारण बनाए जाएं।
  6. सिंचाई : प्रस्तावित और स्वीकृत नहरों के काम पूरे किया जाए।
  7. झूठे मामले : किसानों पर बने सभी प्रकार के झूठे प्रकरण वापस लिए जाएं।
  8. जीआई टैग : पूसा बासमती धान को जी.आई. टैग दिलाया जाए।

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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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