Gwalior News : डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 38 लाख की ठगी करने वाली गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार, UAE और चीन में बैठे साथियों को भेज रहे थे ठगी राशि

लईक बेग के मोबाइल से ट्रांजेक्शन देखने पर ज्ञात हुआ है कि उसके द्वारा करोड़ों रुपये को यूएसडीटी में परिवर्तित कर भारत एवं विदेश (यूएई, चीन) के अपने अन्य साथियों को भेजा जा रहा है।

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर पुलिस ने एक ऐसी गैंग के दो सदस्यों को भोपाल से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है जो लोगों को डिजटल हाउस अरेस्ट कर उनसे मोती रकम ठग लेते हैं, खास बात ये है कि ये आरोपी ठगी गई रकम को चीन और यूएई में बैठे अपने साथियों के एकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं, ग्वालियर की साइबर क्राइम ब्रांच ने ये खुलासा एक डॉक्टर के साथ हुई ठगी की वारदात को ट्रेस करने के दौरान किया है।

एसपी धर्मवीर सिंह यादव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि शहर में रहने वालीं डॉ सुजाता बापट ने कुछ समय पहले शिकायती आवेदन दिया था जिसमें उन्होंने बताया था कि 9 अप्रैल को राजीव गुप्ता नाम के व्यक्ति का कॉल आया था और उसने बोला कि वह डीएचएल से बात कर रहा है। आपका एक पार्सल लखनऊ से म्यांमार के लिए बुक हुआ है जिसमें 20 पासपोर्ट, तीन क्रेडिट कार्ड, एक लैपटॉप, 50 ग्राम एमडीएमए और 04 किलोग्राम क्लॉथ हैं। बुकिंग एड्रेस ए-16 ओमनगर रोड पवनपुरी आलमबाग लखनऊ से हुआ है। रिसीवर का एड्रेस जॉन डेबिड नि० हाउस न0 207 सिटी डेगान स्टेट यांगून म्यांमार बताया।

डॉ बापट ने उसको मना किया कि मेरा पार्सल नहीं है तो उसने बोला कि कुछ गड़बड़ है तुरन्त आप आलमबाग पुलिस स्टेशन में शिकायत करें। उन्होंने कहा कि मैं तो ग्वालियर में हूँ, तो उसने बोला कि मैं आपकी कॉल पुलिस स्टेशन कनेक्ट करता हूँ। तो उसने बोला कि आप टेलीग्राम यूज करती हैं तो उन्होंने कहा नहीं, जिस पर उसने टेलीग्राम डाउनलोड करने के लिये कहा औ र्फिर उन्होंने टेलीग्राम डाउनलोड करके चालू कर लिया।

पुलिस और सीबीआई बनकर महिला डॉक्टर को किया डिजिटल हाउस अरेस्ट  

फिर टेलीग्राम पर वीडियो कॉल आया उस वीडियो में एक पुलिस यूनिफार्म का व्यक्ति पुलिस स्टेशन जैसे कमरे जिसमें  पुलिस से संबंधित झंडा, पुलिस जैसा लिखा हुआ दिखा, तो वह बोला आपका केस सीबीआई के पास है। आपका नाम अजय मिश्रा केस ह्यूमन ट्रैफिकिंग व मनी लॉन्ड्रिंग में संदिग्ध है, मैं सीबीआई ऑफीसर से आपकी बात कराता हूँ। उसने किसी से बोला कि मैडम से बात करिये सर तो उस व्यक्ति ने बोला कि मैडम को अरेस्ट करो, उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट व असेट सीज आर्डर है।

बातों में उलझाकर बैंक खातों की डिटेल निकलवा ली 

पुलिस वाले ने कहा कि मैडम का आधार व बाकी की जानकारी से लग रहा है कि मैडम निर्दोष हैं। उसने फिर सीबीआई ऑफीसर से डॉ बापट की बात कराई तो सीबीआई ऑफीसर ने मुझसे कहा कि म्यांमार में 60 लोगों के आँखें, नाक, कान निकाल लिये हैं जो ह्यमून ट्रेफिकिंग में है उनके परिवार के 3 करोड 80 लाख रुपये आपके एचडीएफसी अकाउन्ट में आये हैं तो उन्होंने कहा कि मेरा अकाउंट एचडीएफसी बैंक में नहीं है  तो उन्होंने कहा कि आपके कहाँ-कहाँ अकाउंट है जिस पर डॉ बापट द्वारा अपने बैंक अकाउंटस की जानकारी उनको दे दी गई। फिर उनके द्वारा कहा गया कि इसके बारे में आप अपने परिवार के किसी भी व्यक्ति से बात नही करेगी और न ही किस का कॉल रिसीव करेंगी।

भय दिखाकर ठगों ने किसी से भी बात करने से किया इंकार 

उन्होने एक कॉन्फीडेन्सियल एग्रीमेन्ट का लेटर भी डॉ बापट को भेजा था। डॉ बापट द्वारा फोन पर बात कर रहे व्यक्तियों के अनुसार 38 लाख रुपये उनके बताये बैंक खातों मे ट्रांसफर कर दिये गये। लेकिन डॉ बापट के द्वारा अपने पैसे जब वापस माँगे जाने पर उनके द्वारा पैसे वापस नहीं किये गये तब उन्हें समझ आया कि उनके साथ ठगी हुई है।  शिकायत को गंभीरता से लेते हुये मामला दर्ज किया गया और अधिकारियों की टीमें विवेचना में लगा दीं।

जिन खातों में 38 लाख ट्रांसफर हुए वे भोपाल के निकले 

विवेचना के दौरान पुलिस को मालूम चला कि जिन दो खातों में अज्ञात आरोपी द्वारा आवेदिका डॉ. सुजाता बापट को गिरफ्तारी का डर दिखाकर 38 लाख रुपये ट्रांसफर कराये गये हैं उन खातों से ठगी की राशि कई अलग-अलग बैंक खातों मे ट्रांसफर की गई है। तकनीकी जानकारी के आधार पर इन खातों में से एक खाता को चिन्हित किया गया जिसमें राशि पहुँची थी वह खाता भोपाल का होना पाया गया। जिसके खाताधारक की गिरफ्तारी हेतु एक टीम भोपाल रवाना की गई।

ठगी की राशि यूएसडीटी के माध्यम से अपने साथियों को यूएई एवं चीन में भेज रहे थे 

आरोपी खाताधारक शाहरुख खान पुत्र आसिफ खान निवासी एशबाग भोपाल एवं उसके साथी लईक बेग पुत्र नफीस बेग निवासी बुधवारा भोपाल को गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपियों से पूछताछ की एवं उनके मोबाइल फोन की जाँच की गई तो पाया गया कि आरोपी लईक बेग अपने चाइनीज एवं यूएई के साथियों के मिलकर इस तरह के सायबर फ्रॉड मे शामिल हैं, यह फ्रॉडस्टर चीन एवं यूएई से ऑपरेट कर रहे हैं। इन लोगों के द्वारा फ्रॉड की राशि को यूएसडीटी के माध्यम से आगे अपने साथियों को यूएई एवं चीन में भेजा जा रहा है।

पुलिस आरोपियों से कर रही कड़ी पूछताछ  

उक्त आरोपीगणों के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि उनके द्वारा अभी तक कितने व्यक्तियों के साथ इस तरह का फ्रॉड किया गया है। लईक बेग के मोबाइल से ट्रांजेक्शन देखने पर ज्ञात हुआ है कि उसके द्वारा करोड़ों रुपये को यूएसडीटी में परिवर्तित कर भारत एवं विदेश (यूएई, चीन) के अपने अन्य साथियों को भेजा जा रहा है। पकड़े गये आरोपीगणों से पुलिस टीम द्वारा विस्तृत पूछताछ की जा रही है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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