Gwalior News : गांव की सड़कों पर कुछ ऐसे मना शिक्षक दिवस, आशीर्वाद भी लिया, समाज को संदेश भी दिया

Atul Saxena
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Gwalior News : आज पूरे देश ने पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद भारत रत्न डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर उन्हें याद किया और उनकी याद में मनाये जाने वाले शिक्षक दिवस पर अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लिया, ग्वालियर में भी स्कूल- कॉलेज और शिक्षण संस्थाओं में शिक्षक दिवस मनाया गया लेकिन हम यहाँ आपको शिक्षक दिवस के एक विशेष कार्यक्रम के बारे में बता रहे हैं जो गाँव की सड़क पर आयोजित किया गया जिसमें आशीर्वाद भी लिया गया और समाज को एक संदेश भी दिया गया।

Gwalior News : गांव की सड़कों पर कुछ ऐसे मना शिक्षक दिवस, आशीर्वाद भी लिया, समाज को संदेश भी दिया

ग्वालियर जिले का ग्रामीण ब्लॉक है घाटीगांव, इस क्षेत्र में आदिवासियों की संख्या बहुत अधिक है, अशिक्षा और गरीबी तुलनात्मक रूप से जिले के दूसरे ब्लॉक से यहाँ अधिक है, लेकिन खुद को बदलने की ललक नई पीढ़ी में दिखाई दे रही है जो एक अच्छा संकेत है, स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन इन आदिवासियों के उत्थान के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

Gwalior News : गांव की सड़कों पर कुछ ऐसे मना शिक्षक दिवस, आशीर्वाद भी लिया, समाज को संदेश भी दिया

आज शिक्षक दिवस है, घाटीगांव के स्कूलों में भी शिक्षक दिवस पर आयोजन हुए लेकिन घाटीगांव के SDOP संतोष पटेल को शिक्षक दिवस मनाने का एक नया आइडिया उस समय आया जब उनके ध्यान में लाया गया कि अधिकांश शिक्षक एक गाँव से दूसरे गाँव मोटरसाइकिल से जाते हैं और बिना हेलमेट के जाते हैं,  कई जगह सड़कें ख़राब हैं तो बारिश आंधी तूफान में बिना हेलमेट के बाइक चलाना बहुत मुश्किल होता है।

Gwalior News : गांव की सड़कों पर कुछ ऐसे मना शिक्षक दिवस, आशीर्वाद भी लिया, समाज को संदेश भी दिया

आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में गाड़ियों पर चालानी कार्यवाही ना के बराबर होती है तो बाइक सवार मोटर व्हीकल एक्ट के कानून को तोड़ने में हिचकिचाते भी नहीं हैं, आज SDOP संतोष पटेल ने बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले शिक्षकों को रोका और उन्हें एक हेलमेट अपनी तरफ से गिफ्ट किया और निवेदन किया कि आप शिक्षा देते हैं इसलिए आपकी सुरक्षा बहुत जरूरी है, उनसे वादा लिया कि अब से हेलमेट पहनकर ही वाहन चलाएंगे।

Gwalior News : गांव की सड़कों पर कुछ ऐसे मना शिक्षक दिवस, आशीर्वाद भी लिया, समाज को संदेश भी दिया

SDOP संतोष पटेल ने कहा कि शिक्षक दिवस पर वे अपने गांव नहीं जा पाए तो सोचा कि अपने कार्य क्षेत्र घाटीगांव के स्कूलों   के शिक्षकों से आशीर्वाद ले लें लेकिन जब बिना हेलमेट वाली बात पता चली तो उन्हें हमने हेलमेट भेंट किये क्योंकि शिक्षा के साथ सुरक्षा भी जरूरी है, जब तक शिक्षक सुरक्षित नहीं होंगे तब तक वे नई पीढ़ी को शिक्षा कैसे देंगे?

बहरहाल किसी भी पर्व, विशेष दिन या फिर त्यौहार को मनाते समय जब उसमें समाज के लिए कोई संदेश होता है तो उसका महत्व और बढ़ जाता है, ग्वालियर पुलिस का ये प्रयास निश्चित ही सराहना के योग्य है लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि हम अपना कर्तव्य भूल जाएँ क्योंकि पुलिस कभी अपना कर्तव्य नहीं भूलती इसलिए हमारी आपको सलाह है कि वाहन चलाते समय मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों का पालन अवश्य करें, खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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