Gwalior News : पुलिस के पास पहुंची पत्नी, बोली- दूसरी महिला से मेरे पति को बचा लो साहब

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर एसपी ऑफिस में हुई जनसुनवाई में आज एक अजीब मामला सामने आया , एक पत्नी पुलिस के पास आवेदन लेकर पहुंची जिसमें उसने अपने पति को दूसरी औरत से बचाने की गुहार लगाई, आवेदन में पत्नी ने कहा कि हम तीनों साथ रहते हैं लेकिन अब वो मेरे पति पर रेप का झूठा केस लगाने की धमकी दे रही हैं नहीं तो पांच लाख रुपये की मांग कर रही है।

Gwalior News : पुलिस के पास पहुंची पत्नी, बोली- दूसरी महिला से मेरे पति को बचा लो साहब

हर मंगलवार की तरह आज मंगलवार को ग्वालियर एसपी ऑफिस में जन सुनवाई हुई, लोग अपनी अपनी परेशानी लेकर पहुंचे लेकिन मधु जोशी नामक महिला अपने पति को बचाने की गुहार लेकर एसपी ऑफिस पहुंची। मधु ने एक शिकायती आवेदन दिया जिसमें उसने एक महिला पर आरोप लगाया कि वो उसके पति को रेप और छेड़खानी के झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही है।

पति की खातिर पत्नी ने साथ रखी दूसरी औरत 

मीडिया से बात करते हुए मधु ने बताया कि उसका पति दीपक जोशी बस पर चलता है उसके साथ रजनी नाम की एक महिला भी बस पर चलती थी वो बाई है, हम लोग मर्जी से पिछले एक साल से एक साथ रह रहे हैं, मेरे पति उसे रखना चाहते थे इसलिए मुझे उसे रखने में कोई आपत्ति नहीं है।

एक साल से पति पत्नी और वो तीनों साथ में रह रहे थे 

मधु ने बताया कि रजनी और मेरे पति की शादी नहीं हुई थी फिर भी हम साथ रहते थे, वो मेरे पति की कमाई का आधा हिस्सा भी रखती थी लेकिन अब वो अपने पति के पास वापस चली गई है और मेरे पति पर रेप और छेड़खानी का झूठा केस लगाने की धमकी दे रही हैं और कह रही है कि यदि केस से बचना है तो पांच लाख रुपये दो, अब हम इतने पैसे कहा से लायेंगे।

पुलिस से बोली पत्नी , हम पांच लाख कहाँ से लायेंगे, वो आ जाये हम साथ रहेंगे 

मधु ने पुलिस से कहा कि रजनी को केस करने से रुकवा दो मेरे पति को बचा लो मैं अभी भी उसे अपने साथ रखने ले किये तैयार हूँ, जनसुनवाई में मौजूद डीएसपी विवेक शर्मा ने कहा कि महिला का आवेदन ले लिया है तीनों को बुलाकर उनके बयान लिए जायेंगे उसके बाद आगे की कार्रवाई निश्चित की जाएगी।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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