Gwalior News : वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव करने वाला एक शातिर आरोपी ग्वालियर RPF ने पकड़ा है, ट्रेन के कोच पर पत्थर फेंके जाने की सूचना मिलते ही ग्वालियर आरपीएफ तत्काल एक्शन में आई जिसके चलते उसे सफलता मिल पाई, खास बात ये है कि जो आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है उसने अजीब से दलील दी कि ऐसा करना उसका शौक है बस और कुछ नहीं …पुलिस उससे अभी पूछताछ कर रही है।
आधुनिक संसाधनों से लैस डेढ़ की सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस पर कुछ जगहों पर पत्थर बाजी की घटनाएँ सामने आई, ये सिलसिला जारी है, कुछ शरारती तत्व इस ट्रेन पर पत्थर फेंककर उसे ना सिफ नुकसान पहुंचा रहे हिं बल्कि यात्रियों को भी दहशत में डाल रहे हैं।
वंदे भारत एक्सप्रेस के सी 14 कोच पर फेंका पत्थर
ग्वालियर सेक्शन में भी इस तरफ की वारदात दो तीन बार सामने आई, कल फिर एक बार किसी ने वंदे भारत एक्सप्रेस के सी 14 कोच पर पत्थर फेंका, जिससे कोच का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया और यात्री डर गए, सूचना मिलते ही PRF की टीम घटना वाले क्षेत्र रायरू और बानमोर रेलवे स्टेशन के बीच पहुंची।
RPF आई एक्शन में, चलाया सर्चिंग अभियान
ग्वालियर आरपीएफ थाना टी आई संजय कुमार आर्या ने बताया कि आरपीएफ पुलिस को सूचना मिली थी कि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से निजामुद्दीन जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 20171 पर रायरू और बानमोर रेलवे स्टेशन के बीच पत्थरबाजी की घटना हुई है। जिससे सी 14 कोच का शीशा टूटा है और यात्री डर गए हैं।
पत्थर फेंकते फिरोज खान गिरफ्तार, बोला ये मेरा शौक है
सूचना मिलने के तुरंत बाद आरपीएफ ने उस सेक्शन में सर्चिंग शुरू की जिसमें वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी करते हुए बानमोर निवासी आरोपी फिरोज खान को रंगे हाथों पकड़ लिया, उसके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी, पुलिस पूछताछ में आरोपी ने एक अजीब सी दलील दी उसने कहा कि वंदे भारत ट्रेन पर पत्थर फेंकना उसका शौक है।
पुलिस कर रही आरोपी से कड़ी पूछताछ
हालाँकि पुलिस को आरोपी फिरोज खान की दलील गले नहीं उतर रही, पुलिस उससे कड़ी पूछताछ कर रही है, उधर कुछ दिन पहले भी वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर फेंका गया था जिसका आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है सम्भावना जताई जा रही है कि वो आरोपी भी फिरोज खान या उसका कोई साथी हो सकता है , पुलिस ने उम्मीद जताई है कि दूसरी घटना का आरोपी भी जल्दी पकड़ा जायेगा।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट