किसानों के लिए जरूरी खबर, पीएम फसल बीमा कराने के लिए ये है अंतिम तारीख

Atul Saxena
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PM Crop Insurance Scheme : ग्वालियर जिले (Gwalior News) में भी इन दिनों पीएम फसल बीमा योजना के तहत वर्तमान रबी मौसम की अधिसूचित फसलों का बीमा किया जा रहा है। किसान भाई 31 दिसंबर 2022 तक अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। फसलों का बीमा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। किसान भाई नागरिक सुविधा केन्द्र (सीएससी) अथवा बैंक के माध्यम से बीमा करा सकते हैं।

बीमा कराने के लिए जरूरी दस्तावेज

उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास ग्वालियर से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान भाई भू-अधिकार पुस्तिका, पंचायत सचिव व पटवारी द्वारा जारी बुवाई प्रमाण-पत्र, भरा हुआ प्रस्ताव फॉर्म, पहचान पत्र (आधारकार्ड, राशन कार्ड अथवा पेनकार्ड), मोबाइल फोन नम्बर व बैंक पासबुक लेजाकर अपना बीमा करा सकते हैं।

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फसलों के लिए प्रीमियम निर्धारित

जिले में पटवारी हल्का स्तर पर गेहूँ की सिंचित फसल का बीमा कराने के लिए 462 रुपये प्रति हैक्टेयर व 92 रुपये प्रति बीघा प्रीमियम देना होगा। इसी तरह चना के लिए प्रीमियम राशि 450 रुपये प्रति हैक्टेयर व 90 रुपये प्रति बीघा रखी गई है। सरसों की फसल का बीमा 390 रुपये प्रति हैक्टेयर व 78 रुपये  प्रति बीघा के हिसाब से किया जा रहा है।

ऐसे हालात में मिलता है फसल बीमा का लाभ

बीमित फसलों में यदि प्राकृतिक आग अर्थात आकाशीय बिजली गिरने, बादल फटने, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, अंधड़, टेम्पेस्ट, हरीकेन, टोरनेंडो, बाढ़, जल भराव, भू-स्खलन, सूखा अवधि व कीट बीमारियों से नुकसान होने पर बीमा का लाभ मिलता है।

फसल बीमा के संबंध में किसान भाई  एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के टोल फ्री नम्बर 18002337115 पर संपर्क कर सकते हैं। रबी वर्ष 2022-23 के लिये जारी अधिसूचना क्षेत्र का इकाईवार विवरण पोर्टल http://govtpressmp.nic.in/history-gazette-extra-2022.html पर उपलब्ध है। विस्तृत जानकारी के लिये उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि के कार्यालय ग्वालियर में संपर्क किया जा सकता है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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