सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी से मांग रहे थे रिश्वत, 10000 रुपये लेते प्रभारी बीपीएम को EOW ने रंगेहाथ पकड़ा

मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए EOW, लोकायुक्त और अन्य एजेंसियों को सख्त एक्शन लेने के निर्देश है, लगातार कार्रवाई भी की जा रही है और घूसखोर पकड़े भी जा रहे हैं बावजूद इसके भ्रष्ट सह्स्कीय सेवक अपनी आदतें नहीं बदल रहे।

EOW Gwalior: भ्रष्टाचार करने या फिर रिश्वतखोरी करने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सख्त तेवरों के बाद भी घूसखोर शासकीय सेवक अपनी इन आदतों से बाज नहीं आ रहे, आज एक ऐसा ही भ्रष्ट अधिकारी ई ओ डब्ल्यू ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है।

शिवपुरी जिले के पिछोर ब्लाक में एक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी रिंका लोधी ने ईओडब्ल्यू ग्वालियर कार्यालय में एसपी को एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें उनसे सीएससी पिछोर में पदस्थ प्रभारी बीपीएम (ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर) द्वारा सरकारी राशि जारी करने के बदले रिश्वत मांगे जाने का आरोप था।

ग्वालियर ईओडब्ल्यू एसपी ने शिकायती आवेदन की जाँच के आदेश देकर रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि करवाई और फिर एक टीम को पिछोर ट्रेप के लिए रवाना किया जिसने सीएससी पिछोर में 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते डॉ अखिलेश कनेरिया को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

शासन की योजनाओं की राशि का भुगतान करने के बदले मांगी 10 प्रतिशत रिश्वत 

महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी रिंका लोधी ने बताया कि डॉ अखिलेश कनेरिया उन लोगों को शासन से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि सहित स्वास्थ्य केंद्र के लिए विभिन्न योजनाओं में आने वाली शासकीय राशि के भुगतान के बदले 10 प्रतिशत हर भुगतान पर रिश्वत की मांग करते हैं।

EWO ने सीएससी प्रभारी को 10000 रुपये लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया  

शिकायतकर्ता महिला अधिकारी ने कहा डॉ कनेरिया ने पिछले साल मेरी प्रोत्साहन राशि रोक दी इस बार भी 24 हजार 500 रुपये रिश्वत देने के बाद ही राशि जारी करने की बात कही थी इसलिए मैंने EOW में शिकायत की और आज 10 हजार रुपये लेते हुए उन्हें रंगे हाथ पकड़ा गया है।

डॉ अखिलेश कनेरिया के खिलाफ EOW ने प्रकरण दर्ज किया 

EOW इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि हमने डॉ कनेरिया को एक शिकायत की जाँच के दौरान रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि के बाद 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा हैं उनके खिलाफ़ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया जा रहा है।

अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News