व्यापारियों के लिए जरूरी खबर, गेहूं के थोक व रिटेल स्टॉक की लिमिट निर्धारित, पढ़ें डिटेल्स

भारत के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार व्यापारी व थोक विक्रेता को 2 हजार टन तक गेहूँ के स्टॉक की अनुमति रहेगी। रिटेलर के प्रत्येक आउटलेट के लिये 10 टन की सीमा निर्धारित की गई है।

Atul Saxena
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Gwalior News : गेहूं के भण्डारण की स्टॉक लिमिट सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। भारत के राजपत्र में 9 सितम्बर 2024 से 31 मार्च 2025 तक की अवधि तक के लिये यह लिमिट निर्धारित की गई है। ग्वालियर की अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू अरुण कुमार  कुमार सत्यम ने शहर के व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि, खाद्य विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम, वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन, मंडी सचिव तथा उप संचालक कृषि की बैठक लेकर गेहूं के स्टॉक लिमिट एवं उससे संबंधित प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

थोक विक्रेता के लिए 2 हजार टन, रिटेलर के लिए 10 टन की लिमिट 

 बैठक में स्पष्ट किया गया कि किसी व्यापारी के पास यदि निर्धारित सीमा से अधिक गेहूं का स्टॉक है तो वह अधिसूचना जारी होने की तिथि 9 सितम्बर 2024 से 15 दिन के भीतर अपने स्टॉक को निर्धारित सीमा तक ला सकता है। जिला आपूर्ति नियंत्रक विपिन कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि भारत के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार व्यापारी व थोक विक्रेता को 2 हजार टन तक गेहूं के स्टॉक की अनुमति रहेगी। रिटेलर के प्रत्येक आउटलेट के लिये 10 टन की सीमा निर्धारित की गई है।

बिग चेन रिटेलर प्रत्येक आउटलेट में रख सकता है इतना गेहूं 

इसी तरह बिग चेन रिटेलर प्रत्येक आउटलेट के लिये 10 टन स्टॉक रख सकेगा। डिपो के कुल 10 आउटलेट मान्य किए जायेंगे। व्यापारियों को मासिक स्थापित क्षमता की 60 प्रतिशत मात्रा को मौजूदा वित्तीय वर्ष के शेष महीनों में प्रावधानों के आधार पर विभक्त कर भण्डार की स्थिति को पोर्टल पर अनिवार्यत: प्रदर्शित करना होगा।
गेहूं की स्टॉक सीमा का पालन कराने के लिये राज्य शासन द्वारा भी राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कराकर कलेक्टर, अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, जिला आपूर्ति नियंत्रक, सहायक आपूर्ति अधिकारी व कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को अधिकृत किया गया है। सभी अधिकारी अपने-अपने जिले की सीमाओं के भीतर व्यापारिक परिसरों की तलाशी लेकर स्टॉक का पालन सुनिश्चित करायेंगे। इन सभी को व्यापारिक परिसरों में प्रवेश, तलाशी तथा अधिग्रहण आदि की शक्तियाँ प्रदान की गईं हैं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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