ग्वालियर। मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने शपथ लेने के बाद के प्रदेश से कुपोषण के कलंक हटाने का वडा किया है उन्होंने पहली ही बैठक में विभाग के अधिकारियों को कुपोषण को लेकर विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए थे। अब ये कार्य योजना बन पाई कि नहीं कहना मुश्किल है लेकिन धरातल पर हालात ये हैं कि मंत्री जी के गृह जिले ग्वालियर में चार दिनों में कुपोषण के 20 बच्चे मिले हैं जिन्हें NRC में भर्ती कराया गया है। इसमें एक बाचा तो दोबारा आया है।
कुपोषण को लेकर भाजपा की शिवराज सरकार को लगातार निशाने पर लेने वाली कांग्रेस भी इसकी रोकथाम पर गंभीरता से अमल नहीं कर पा रही है। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कांग्रेस के अधिकांश नेता कुपोषण को लेकर भाजपा सरकार पर हावी होते रहे हैं लेकिन सरकार के गठन के एक महीने बाद भी इसके लिए कोई ठोस प्रयास सामने नहीं आये हैं। विशेष बात ये है कि प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी ग्वालियर जिले से ही हैं उन्होंने भी आंगनबाड़ियों तक पौष्टिक पोषण पहुंचाने की बात कही थी। लेकिन लगातार कुपोषित बच्चों के सामने आने से तो यही लगता कि विभागीय अधिकारियों पर मंत्रियों की बात का कोई असर नहीं है। पिछले चार दिनों में ग्वालियर जिले के थाटीपुर में बनी NRC (न्यूट्रिशन एन्ड रिहेबिलिटेशन सेंटर) में 20 कुपोषित बच्चे पहुंचे है इसमें एक बच्चा दोबारा आकर भर्ती हुआ है। कुपोषित बच्चों के लगातार सामने आने से साफ़ पता चलता है कि कुपोषण को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी कितने संजीदा हैं। हालाँकि पूरे मामले पर महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी का कहना है कि कपोषण मिटाने के लिए विभाग प्रयासरत है , फिर भी इस बात की जांच की जाएगी कि कमी कहाँ है और जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।