श्री गोपाल मंदिर (Gwalior Gopal Mandir) में बिराजे श्री राधा कृष्ण सिंधिया राजवंश द्वारा 100 साल से भी ज्यादा समय पहले अर्पित किये गए गहनों से सजाये जायेंगे। नगर निगम द्वारा बैंक लाॅकर में सुरक्षित रखें करोड़ों रुपये कीमत के गहनों में सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार (लगभग ढाई लाख कीमत का), सात लड़ी हार जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने होंगे। सन् 2007 में इनकी अनुमानित कीमत लगभग 8 से 10 लाख रुपये आंकी गई थी, इसके अलावा सोने के तोड़े तथा सोने का मुकुट कृष्ण पहनेंगे जिनकी कीमत भी लगभग 20 लाख रुपये है। ऐतिहासिक मुकुट जिसमें पुखराज और माणिक जणित पंख हैं तथा बीच में पन्ना लगा है, तीन किलो वजन के इस मुकुट की कीमत आज की दरों पर लगभग 80 से 90 लाख के बीच आंकी गई है तथा इसमे लगे 16 ग्राम पन्ने की कीमत लगभग 6,46,000/- आंकी गई।
नखशिख श्रृंगार होगा, चांदी के बर्तनों में भोग लगेगा
ऐतिहासिक गोपाल मंदिर (Historical Gopal Mandir Gwalior) में श्री राधा कृष्ण के नखशिख श्रृंगार के लिये लगभग साढ़े पांच लाख रुपये के गहने उपलब्ध हैं जिनमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कण्ठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि से भगवान को सजाया जायेगा। भगवान के भोजन इत्यादि के लिये भी प्राचीन बर्तनों की सफाई कर इस दिन भगवान का भोग लगाया जावेगा। लगभग 25 लाख रुपये कीमत के चांदी के विभिन्न बर्तनों से भगवान का भोग लगेगा। इस अवसर पर भगवान की समई, इत्र दान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि सामग्रियों का भी प्रदर्शन किया जायेगा।
ग्वालियर नगर निगम द्वारा आयोजित किये जाने वाले श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। महोत्सव की तैयारियों को लेकर नगर निगम कमिश्नर किशोर कन्याल ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। कमिश्नर ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कई वर्षों से जन्माष्टमी महोत्सव में फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर में बिराजे श्री कृष्ण एवं राधा को उनके प्राचीन आभूषणों से सुसज्जित किया जाता रहा है। तब से प्रतिवर्ष गोपाल मंदिर की जन्माष्टमी कार्यक्रम में उक्त गहने तथा भगवान के सोने-चांदी के बर्तन व सजावट का सम्पूर्ण सामान भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बैंक लाॅकर से लाकर भगवान का श्रृंगार किया जाता है।
उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पुलिस बल के साथ बैंक लाॅकर से भगवान के आभूषण तथा श्रृंगार सामग्री एवं पात्र निकालकर लाये जायेंगे तथा इनकी सफाई इत्यादि कर भगवान का श्रृंगार किया जायेगा। दोपहर 2 बजे से भगवान के दर्शन आम नागरिकों के लिये खोले जायेंगे। रात्रि में 1 बजे के बाद भगवान के उक्त आभूषण पुलिस बल के साथ जिला कोषालय में जमा कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण मंदिर में पुलिस बल तथा सीसीटीवी कैमरे लगाकर वीडियोग्राफी की जाएगी।