फर्जी निकली ढाई लाख की लूट की कहानी, कियोस्क बैंक संचालक ने ही रची थी साजिश, पुलिस ने किया खुलासा

पुलिस का संदेह और गहरा हुआ तो पुलिस ने अपने तरीके से अभिषेक से फिर पूछताछ की इसबार अभिषेक ने पुलिस को सच बता दिया और कहा कि वो उन तीन लड़कों को जेल भिजवाकर सबक सिखाना चाहता था इसलिए झूठ की कहानी रची।  

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर पुलिस ने ढाई लाख रुपये की लूट की घटना से पर्दा उठा दिया है, घटना फर्जी निकली और फरियादी है आरोपी निकला, जाँच में मालूम चला कि बाइक सवार लड़कों से हुए विवाद के बाद उन्हें जेल पहुँचा कर बदला लेने के लिए ही कियोस्क बैंक संचालक ने लूट की फर्जी कहानी बनाई, पुलिस ने युवक के घर से रुपयों से भरा बैग भी बरामद कर लिया है।

ग्वालियर के सिरोल थाना क्षेत्र में रहने वाले अभिषेक जाटव ने ढाई लाख रुपये की लूट की जो एफआईआर पुलिस थाने में लिखाई, पुलिस ने चंद घंटे में ही उसकी हवा निकाल दी, पुलिस को थोड़ी से सख्ती और तुरंत एक्शन में आने से इसका खुलासा हो गया, पुलिस ने कैश भी अभिषेक के घर से बरामद कर लिया हालाँकि अभिषेक ने लिखित में माफीनामा दिया और अपने किये पर पछतावा प्रदर्शित किया जिसके बाद पुलिस ने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया ।

कियोस्क बैंक संचालक ने लिखाई लूट की शिकायत 

दरअसल अभिषेक जाटव बाइक सवार तीन लकड़ों को सबक सिखाना चाहता था और उन्हें जेल भिजवाना चाहता था क्योंकि उन्होंने अभिषेक को कट मारा था इसके चलते उनका मुंहवाद हुआ था, इसलिए अभिषेक ने उसके कियोस्क बैंक से मिली राशि की लूट बता दी और आरोप लड़कों पर लगा दिया। अभिषेक ने पुलिस में लिखाई शिकायत में कहा कि वो कल 6 जनवरी को तीन बाइक सवार लड़कों ने उसे कट मारा जिसपर उसका उन लड़कों से विवाद हुआ कुछ देर बाद वो लड़के आगे पहुंच गए और शंकर भगवन के मंदिर के पास गाड़ी रोककर यू टर्न लेकर वापस आये और गाली गलौज कर मेरा ढाई लाख रुपयों से भरा बैग लूटकर भाग गए। लूट की शिकायत दर्ज होते ही पुलिस एक्टिव हुई और एसपी धर्मवीर के निर्देश पर पुलिस पार्टियाँ आरोपियों को तलाशने लग गई ।

फरियादी की बात पर पुलिस को हुआ संदेह 

फरियादी ने बताया कि वो सिरोल थाना क्षेत्र में हुरावली चौराहे के पास कियोस्क बैंक चलाता है, उसने बताया कि घटना के बाद वो अपने पड़ोस में रहने वाले अजय तथा किट्टू के साथ वह घर पहुँचा था। पुलिस को उसकी बातों में कुछ संदेह हुआ, उसकी बाइक सवार लड़कों से झगड़े से लूट तक की कहानी पुलिस को संदेहास्पद लगी तो पुलिस ने गहराई से पूछताछ शुरू की।

दोस्तों की एक जानकारी ने उठा दिया घटना से पर्दा 

पुलिस फरियादी अभिषेक के साथ उसके घर पहुंची और माता पिता से बात की तो उन्होंने अपने बेटे से साथ हुई घटना को सही बताया लेकिन पुलिस को संदेह रहा तो उसने घटना से जुड़े सभी लोगों से अलग अलग बात को उसमें अलग अलग बात सामने आई, अजय तथा किट्टू ने बताया कि कुछ लोगों के साथ अभिषेक का झगड़ा हुआ था और जब वो उनके साथ घर आया तो उसके पास नील रंग के एक बैग था।

तीन लड़कों को भिजवाना चाहता था जेल, इसलिए रची झूठी कहानी 

पुलिस का संदेह और गहरा हुआ तो पुलिस ने अपने तरीके से अभिषेक से फिर पूछताछ की इसबार अभिषेक ने पुलिस को सच बता दिया और कहा कि वो उन तीन लड़कों को जेल भिजवाकर सबक सिखाना चाहता था इसलिए झूठ की कहानी रची, सच सामने आने के बाद अभिषेक ने घर में छिपाकर रखा बैग निकाल दिया जिसमें बैंक सम्बंधी दस्तावेज सील पैड सहित नोट भरे मिले।

लिखित माफीनामा देने पर पसीज गया पुलिस का दिल   

पुलिस ने अभिषेक के माता पिता और अन्य कुछ गवाहों के सामने नील बैग में मिले रुपये काउंट किये तो वो कुल 1,71,850/- रुपये निकले। यानि कहानी पूरी फर्जी थी और लूटी गई रकम भी फर्जी बताई गई थी, अभिषेक ने पुलिस से माफ़ी मांगी और उसे जेल न भेजने की फरियाद की, पुलिस ने उससे लिखित माफीनामा लिया फिर वरिष्ठ अधिकारियों से घटनाक्रम की जानकारी देकर अभिषेक को चेतावनी देकर माता पिता के साथ बैग सहित घर भेज दिया।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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