ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
दतिया जिले के पंडोखर सरकार मंदिर के महंत गुरुशरण महाराज के खिलाफ हत्या का प्रयास, लूट, डकैती जैसी धाराओं के साथ FIR दर्ज है लेकिन पुलिस उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इस बीच वे अपने वकील के साथ गुरुवार की शाम ग्वालियर पहुंचे और आईजी(एडीजीपी) चंबल डीपी गुप्ता से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने खुद के बेगुनाह होने का दावा किया है। ज्ञापन लेने के बाद आईजी ने मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारी को सौंपे जाने के आदेश दिये हैं।
आध्यात्मिक वेशभूषा और कलरफुल पगड़ी में पंडोखर सरकार धाम में बैठने वाले महंत गुरुशरण महाराज गुरुवार की शाम अपने वकील अवधेश भदौरिया और कुछ नेताओं के साथ जींस, शर्ट और जैकेट में दिखाई दिये। वे आईजी(एडीजीपी) चंबल डीपी गुप्ता से मिलने ग्वालियर पहुंचे थे। उन्होंने एक ज्ञापननुमा आवेदन आईजी को सौंपा और कहा कि उनके खिलाफ जो FIR दर्ज हुई है वो राजनैतिक विद्वेष के चलते की गई है। घटना के समय वे मंदिर पर थे जबकि घटना स्थल दूसरा है। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। आईजी ने उनकी मांग स्वीकार करते हुए जांच थाना स्तर से हटाते हुए किसी वरिष्ठ अधिकारी को सौंपने के आदेश दिये। हालांकि जब मीडिया ने हत्या के प्रयास, लूट, डकैती जैसे मामले में FIR के बावजूद गुरुशरण महाराज की गिरफ्तारी नहीं होने पर सवाल किया तो आईजी ने कहा कि सिर्फ FIR होने से किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। पुलिस मामले के साक्ष्य इकट्ठा कर रही है जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
ये है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार 2 फरवरी को दतिया जिले के पंडोखर थाना इलाके में स्थित ढाबे पर पंडोखर मंदिर पर काम करने वाले मजदूरों और स्थानीय निवासियों के बीच शराब के पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया था। इस विवाद में फरियादी पक्ष ने पंडोखर मंदिर के महंत गुरुशरण महाराज, उनके भाई सहित कुछ अन्य लोगों पर हत्या का प्रयास, लूट, डकैती जैसी संगीन धाराओं में मामला दर्ज कराया था। उसके बाद से गुरुशरण महाराज को गिरफ्तार करने की मांग जोर पकड़ रही है । पुलिस का कहना है कि वो उनकी तलाश कर रही है इस बीच गंभीर मामलों के आरोपी गुरुशरण महाराज का आई जी चंबल के सामने बे हिचक पहुंचना कई सवाल खड़े कर रहा है। लोग दबी जुबान से कह रहे हैं कि हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामले के आरोपी महंत गुरुशरण महाराज के रसूख के चलते पुलिस एक्शन नहीं ले रही जबकि यदि कोई आम आरोपी होता तो पुलिस मामला दर्ज होते ही उसकी गिरफ्तारी करने में लग जाती ।