विधायक ने निकाली आभार यात्रा, कहा जहां नारियल फोड़े गए हैं, वहां  काम कराना मेरी प्राथमिकता   

Atul Saxena
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डबरा, सलिल श्रीवास्तव। उपचुनाव(By election) में तीन बार की विधायक एवं पूर्व मंत्री इमरती देवी (Imarti devi)को हरा कर जीत हासिल करने वाले कांग्रेस विधायक सुरेश राजे (Suresh raje)ने शुक्रवार को नगर में आभार यात्रा (Aabhar yatra)निकाली जो नगर के पिछोर तिराहा से शुरू होकर शुगर मिल चौराहे तक पहुंची । यात्रा का लोगों ने जगह जगह आतिशबाजी और मिठाई बांट कर स्वागत किया, सुरेश राजे ने जनता का अभिवादन करते हुए आभार व्यक्त किया। विधायक सुरेश राजे ने कहा कि जनता ने मुझ पर जो विश्वास जताया है मैं उस पर खरा उतरूंगा क्षेत्र का विकास मेरी पहली प्राथमिकता है। सिविलअस्पताल की व्यवस्था और बाईपास रोड का निर्माण मेरे पहले कार्य होंगे साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा के दिग्गज नेताओं ने जो नारियल फोड़े हैं उन कामों को मूर्त रूप दिलाने के लिए मैं निरंतर संघर्षरत रहूंगा। आभार यात्रा में पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव, पूर्व सांसद रामसेवक सिंह गुर्जर, जिला कार्यकारी अध्यक्ष रंगनाथ तिवारी, अशोक पाराशर , घनश्याम भार्गव केशव बघेल, कोमल साहू, सूबेदार विजोल, उमेश तिवारी, जितेंद्र गुर्जर , राकेश रावत, जय प्रकाश शर्मा, केदार रावत सहित सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्तागण मौजूद रहे।

अलग अंदाज में दिखे नए विधायक सुरेश राजे

विधायक बनने के बाद प्रथम नगर आगमन पर विधायक सुरेश राजे ने जनता को धन्यवाद देने के लिए अबहर यात्रा निकाली। आभार यात्रा पिछोर तिराहे से होते हुए शुगर मिल चौकी पर जाकर समाप्त हुई । उसके बाद सुरेश राजे अपनी गाड़ी में ना बैठते हुए टमटम में बैठकर घर के लिए रवाना हो गए और रास्ते में मिलते जा रहे लोगों का अभिवादन करते रहे। जब उनसे इस बारे में पूछा तो उनका कहना था कि गाड़ी में किसी को मैं नहीं देख पाता तो कोई मुझे नहीं देख पाता । पर इससे में अपनी जनता के बीच पहुंच पा रहा हूं और मुझे हमेशा उनके बीच ही रहना है। सुरेश का यह अंदाज लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया लोगों का कहना था कि यदि यह इसी तरह से रहे तो जनता के दिलों में जगह बनाए रखेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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