MP की ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के स्कूलों की प्रशंसा दूसरे राज्यों तक, केरल से आये स्टूडेंट्स ग्रुप ने साझा की शिक्षा पद्धति, विधायक प्रवीण पाठक की तारीफ की

Gwalior News : शिक्षा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश की गिनती या यूँ कहें हिंदी भाषी प्रदेशों की गिनती दक्षिण भारत से हमेशा ही कम आंकी जाती रही है लेकिन आज मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जो कुछ सामने देखने में आया उसने इस आंकलन को झूठा साबित कर दिया, आज से 32 साल पहले 18 अप्रैल 1991 को पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा प्राप्त केरल के स्टूडेंट्स जब ग्वालियर आये और उन्होंने ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के शासकीय स्कूलों के भ्रमण करने के बाद जो बातें कहीं वो सिर्फ ग्वालियर के लिए ही नहीं मध्य प्रदेश के लिए भी गर्व की बात है ।

MP की ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के स्कूलों की प्रशंसा दूसरे राज्यों तक, केरल से आये स्टूडेंट्स ग्रुप ने साझा की शिक्षा पद्धति, विधायक प्रवीण पाठक की तारीफ की कहते हैं शिक्षा सिर्फ शिक्षित ही नहीं अनुशासित भी बनाती है और स्कूलों में अनुशासन के साथ ग्रहण की गई शिक्षा जीवन भर की पूंजी होती है, ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने इसी को आधार बनाकर अपनी विधानसभा के शासकीय स्कूलों की काया पलट कर दी है।  अच्छे क्लास रूम, स्कूली किताबों की उपलब्धता, समय पर स्कूलों का खुलना, स्टूडेंट्स की समस्या का तत्काल निदान और क्वालिटी एजुकेशन  ये ऐसे विषय हैं जिसने ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के स्कूलों की प्रशंसा दक्षिण भारत तक पहुंचा दी , आज केरल के 26 स्कूली छात्र छात्राओं का एक दल ग्वालियर आया और उन्होंने दक्षिण विधानसभा के स्कूलों का भ्रमण किया ।

MP की ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के स्कूलों की प्रशंसा दूसरे राज्यों तक, केरल से आये स्टूडेंट्स ग्रुप ने साझा की शिक्षा पद्धति, विधायक प्रवीण पाठक की तारीफ की

आज केरल से आए मास्टर ऑफ सोशल वर्क विषय के यूथ ग्रुप के 26 छात्र छात्राओं ने ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के विद्यालयों में विजिट कर छात्रों से मुलाकात की और अपने यहां की शिक्षा पद्धति को साझा किया। चंबल के बीहड़ों की विजिट करने आए केरल के छात्रों के द्वारा दक्षिण विधानसभा के विद्यालयों की बेहतर शिक्षा और सुविधा के बारे में जब सुना तो उन्होंने इसे नजदीक से देखने और जानने की इच्छा प्रकट करते हुए विधायक प्रवीण पाठक से उनके क्षेत्र के शासकीय विद्यालयों में विजिट करने की अनुमति मांगी।

MP की ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के स्कूलों की प्रशंसा दूसरे राज्यों तक, केरल से आये स्टूडेंट्स ग्रुप ने साझा की शिक्षा पद्धति, विधायक प्रवीण पाठक की तारीफ की

स्टूडेंट्स के लिए किसी भी समय तैयार रहने वाले ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के युवा विधायक प्रवीण पाठक ने केरल के स्टूडेंट्स की इच्छा स्वीकार करते हुए उन्हें आमंत्रित किया और विधानसभा के विद्यालयों में विजिट कराई। विद्यालयों के इस विजिट कार्यक्रम में केरल से आए 26 स्टूडेंट्स ग्रुप ने स्थानीय छात्रों से मिलकर केरल की शिक्षा पद्धति के अनुभव को छात्रों के बीच साझा किया गया और दक्षिण विधान सभा के स्कूलों की विकासशील स्थिति की प्रशंसा भी की।

केरल के स्टूडेंट्स ने इन स्कूलों का किया भ्रमण 

केरल से आए छात्रों ने ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में स्थित शासकीय विद्यालयों शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मामा का बाजार, सिकंदर कंपू, जे ए सिंध, गोरखी एवं पदमा राजे विद्यालय का भ्रमण किया। केरल से आए छात्र समूह ने विद्यालयों में छात्रों को केरल आने के लिए आमंत्रित भी किया और कहा कि आज ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के विद्यालयों में छात्रों के साथ अनुभव बहुत आनंदमयी रहा। ग्वालियर के बच्चों से प्रभावित केरल के छात्रों ने आश्वासन भी दिया कि केरल में उनके 26 घर हैं जहां वह कभी भी आ सकते हैं।

स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था और विधायक पाठक के योगदान को सराहा 

छात्रों ने अपनी विजिट के बारे में अनुभव साझा करते हुए बताया कि केरल से हमारा यूथ ग्रुप चंबल में जो आज के समय में शांति है उस पर शोध करने के लिए आया है। हमें ग्वालियर दक्षिण विधानसभा की बेहतर शिक्षा पद्धति और स्कूलों के बारे में जानकारी हुई और इस संबंध में ग्वालियर दक्षिण विधानसभा विधायक प्रवीण पाठक से हमने उनके विधानसभा के स्कूलों में विजिट करने की अनुमति मांगी। जिस पर हमें आमंत्रित किया और स्कूलों की विजिट कराई गई।  केरल की छात्रा अक्षरा आर ने अंग्रेजी में ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के स्कूलों की खूब तारीफ की उसने यहाँ के स्कूल, यहाँ की व्यवस्था और विधायक प्रवीण पाठक की तारीफ करते हुए स्कूलों के लिए खास कर स्कूली बच्चों के लिए उनके योगदान की भी तारीफ की।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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