ग्वालियर।
प्रदेश में आई खाद की किल्लत का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में दायर एक जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र सरकार सहित 11 विभागों को नोटिस जारी किये हैं और चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, मध्यप्रदेश में पिछले दिनों खाद की कमी को लेकर खूब हाहाकार मचा। खाद को लेकर जब किसान आक्रोशित हुआ तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार को दोषी ठहरा दिया। हालाँकि भाजपा ने इन आरोपों का खंडन किया लेकिन कांग्रेस लगातार आरोप लगाती रही।
इस बीच ग्वालियर के एडवोकेट उमेश बोहरे ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर की जिसमें इस मसले का निराकरण करने की मांग की। याचिकाकर्ता ने बताया कि नवम्बर में मध्यप्रदेश को 4 लाख टन यूरिया केंद्र ने दिया और जोसे ही दिसंबर में कांग्रेस की सरकार आई इसे कम कर केवल 1.90 लाख टन यूरिया दिया। जिससे साफ़ होता है कि केंद्र सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि प्रदेश के हिस्से की यूरिया उसे दिलवाई जाये और उसे एसपी और कलेक्टर की देखरेख में बंटवाया जाए। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार सहित 11 विभागों को नोटिस जारी किये हैं और चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं।