सौरभ शर्मा द्वारा झूठे दस्तावेज लगाकर की गई नौकरी से मिला वेतन वसूलने और तत्कालीन कलेक्टर, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पर FIR की मांग

परिवहन विभाग से सौरभ शर्मा के दस्तावेज तलब कर उनकी जाँच कराई जानी चाहिए साथ ही सौरभ शर्मा द्वारा फर्जी दस्तावेजों से हासिल की गई सरकारी नौकरी से मिले वेतन की वसूली की जानी चाहिए।

Atul Saxena
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MP Transport Scam: परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ अब एमपी हाई कोर्ट के एक एडवोकेट ने ग्वालियर एसपी को आवेदन दिया है जिसमें कहा है कि अब तक सामने आये प्रमाणों से साबित  होता है कि सौरभ ने फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की थी इसलिए उसके दस्तावेज तलब कर उनकी जाँच की जाये और सौरभ द्वारा नौकरी से प्राप्त वेतन की वसूली की जाये साथ ही तत्कालीन ग्वालियर कलेक्टर और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की भूमिका की जाँच कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाये।

मप्र हाई कोर्ट के एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह के ऑफिस में एक आवेदन दिया है इसमें उन्होंने कहा है कि सौरभ शर्मा से जुड़ी जो जानकारियों अब तक सामने आ रही है उसके मुताबिक उसके ठिकानों पर मरे गए छापों में करोड़ों रुपये की संपत्ति मिली है जिसकी जाँच लोकायुक्त, ईडी , आयकर विभाग सहित अन्य जाँच एजेंसियां कर रही है।

परिवहन विभाग ने उपलब्ध नहीं कराये सौरभ की नौकरी से जुड़े दस्तावेज 

एडवोकेट तोमर ने कहा कि सौरभ शर्मा ने 2016 में परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त की थी, अब खुलासा हो रहा है कि दस्तावेज फर्जी थे एफिडेविट फर्जी था, मैंने 2023 में ये मामला उठाया था सूचना के अधिकार के तहत परिवहन विभाग से सौरभ शर्मा द्वारा नौकरी के लिए लगाये गए दस्तावेज मांगे थे लेकिन उपलब्ध नहीं कराये गए, विभाग ने कहा कि फ़ाइल खो गई है।

सौरभ शर्मा को मिला वेतन वसूलने की मांग 

एडवोकेट तोमर ने एसपी को दिए आवेदन में कहा कि फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी प्राप्त करना बड़ा अपराध है इसलिए इस मामले की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए, परिवहन विभाग से सौरभ शर्मा के दस्तावेज तलब कर उनकी जाँच कराई जानी चाहिए साथ ही सौरभ शर्मा द्वारा फर्जी दस्तावेजों से हासिल की गई सरकारी नौकरी से मिले वेतन की वसूली की जानी चाहिए।

तत्कालीन कलेक्टर और तत्कालीन ट्रासपोर्ट कमिश्नर की भूमिका की जाँच की मांग 

उन्होंने कहा कि तत्कालीन ग्वालियर कलेक्टर और तत्कालीन ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और अन्य प्रशासनिक अधिकारी जिन जिन के सामने से सौरभ की फ़ाइल गुजरी उन्हें दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन कराना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया इसलिए इन सभी अधिकारियों की भूमिका की भी जाँच कर जो भी दोषी हो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए, एडवोकेट तोमर ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वे न्यायालय जायेंगे।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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