Gwalior News : शादी आज एक सेलिब्रेशन है, आज के दौर की शादियों में लोग एंजॉय करना चाहते हैं, सनातन परंपरा पंडित जी के वैदिक मंत्रोच्चार तक केवल मंडप में ही सिमट गई है बाकि जगह तो शादी किसी फ़िल्म की तरह लगती है, अधिकांश लोगों का अब शादी को लेकर नजरिया बदल गया है लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें अपनी परम्पराएं ज्यादा पसंद हैं इसका उदाहरण आज सोमवार को ग्वालियर में देखने को मिला जब लोगों ने शादी शुदा नए जोड़ों को गौशाला में देखा।
दर असल ग्वालियर नगर निगम की लाल टिपारा गौशाला मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी और आदर्श गौशाला है इसका संचालन श्रीकृष्णायन संत कर रहे हैं, इन संतों की देखभाल से ना सिर्फ गौशाला की तस्वीर बदली है वहीं लोगों की गौशालाओं के प्रति सोच भी बदली है, आज लोग यहाँ गौमाता की सेवा करने आते हैं और उन्हें भोग आदि लगाते हैं।
शादी के बाद दूल्हा दुल्हन गौशाला पहुंचे
अब लाल टिपारा गौशाला में एक नई परंपरा शुरू हुई है, यहाँ नव दम्पति गौमाता का भोग लगाने पहुंचे, आज सोमवार को तीन नव युगल अभिषेक- मोनिका यादव, शुभम- साक्षी श्रीवास्तव, अंकिता – संदीप पाठक शादी करने के बाद हनीमून प् रना जाते हुए गौशाला पहुंचे । शादी के बंधन में बंधे तीनों युवा जोड़ों ने एक साथ जीने मरने की कसम ली साथ ही सनातन सस्कारों को जीवन में अपनाये रखने का संकल्प लिया, इन तीनों जोड़ों ने तय किया कि ये हनीमून पर नहीं जायेंगे , पहले गौशाला जायेंगे और गौमाता की सेवा करेंगे।
गौशाला में शुरू हुई नई परंपरा
तीनों जोड़ों ने गौमाता को चारा खिलाया, भोग खिलाया और गौशाला में मौजूद संतों का आशीर्वाद लिया, नगर निगम की लाल टिपारा गौशाला का संचालन कर रहे श्री कृष्णायन संतों ने बताया कि आदर्श गौशाला लाल टिपारा में एक नई परंपरा प्रारंभ हुई है। पाश्चात्य सभ्यता से प्रभावित होकर विवाह होने के बाद अक्सर नवदम्पति हनीमून आदि पर जाते हैं, लेकिन अब प्राचीनकाल से चली आ रही भारतीय परंपराओं को ग्वालियर में फिर से प्रचलन में लाया जा रहा है।
नव युगल ने गौमाता का पूजन किया
संतों ने बताया कि अब नवदम्पति अपने सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए संतों और गौमाता का आशीर्वाद लेकर आजीवन गौमाता और धर्म की रक्षा का संकल्प ले रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को तीन नवविवाहित दम्पतियों ने गौशाला में संतों और गौमाता का पूजन कर आजीवन गौमाता की सेवा और धर्म का पालन करने के लिए संतों द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया है। संतों ने भी नवविवाहितों को सफल वैवाहिक जीवन निर्वहन करने का आशीर्वाद दिया
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट