सरकार पर गलत आंकड़े पेश करने का आरोप, ओबीसी वर्ग ने दी आंदोलन की चेतावनी

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  सुप्रीम कोर्ट द्वारा मप्र सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर पेश की गई रिपोर्ट को आधी अधूरी बताये जाने और प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की अधिसूचना 15 दिन में जारी किये जाने के आदेश के बाद प्रदेश में सियासत (MP Politics) गरमा गई है।  विपक्ष प्रदेश सरकार पर हमलावर है तो ओबीसी वर्ग ने भी मैदान में उतरने की चेतावनी दी है।

ओबीसी एससी एसटी एकता मंच ने प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश किये गए ओबीसी वर्ग (Supreme Court on OBC Reservation) के आंकड़ों पर सवाल उठाये हैं। मंच के प्रदेश अध्यक्ष लोकेन्द्र गुर्जर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है , ऐसा सरकार की गलती के कारण हुआ है।

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लोकेन्द्र गुर्जर ने कहा कि मप्र सरकार ओबीसी वर्ग का पक्ष मजबूती से नहीं रख पाई उसने जो आंकड़े दिए वो गलत हैं।  उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश में करीब 54 प्रतिशत ओबीसी है जबकि सरकार ने 48 प्रतिशत बताया।  लोकेन्द्र गुर्जर ने कहा कि सरकारें कोई भी हों इनकी मंशा कभी ओबीसी वर्ग को अधिकार देने की नहीं रही।

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सभी पार्टियां राजनीतिक लाभ लेकर ओबीसी का वोट तो पाना चाहती हैं लेकिन उनका हक़ देना नहीं चाहती।  उन्हें बस राजनीतिक रोटियां सेकनी है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश का ओबीसी वर्ग इस बात को समझ गया है कि बिना लड़े बिना हमें कुछ भी नहीं मिलने वाला, इसलिए हम जल्दी ही अब राजधानी भोपाल में डेरा डालेंगे उग्र आंदोलन करेंगे और जब तक ओबीसी को हक अधिकार नहीं मिल जाता तब तक वहीं डटे रहेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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