ग्वालियर/अतुल सक्सेना
लॉक डाउन में गरीबों और जरूरतमंदो की मदद के लिए कई लोग आगे आ रहे हैं और उनकी जरूरत का सामान उन तक पहुंचा रहे हैं, लेकिन सरकारी अधिकारियों को अब ये रास नहीं आ रहा। इसका उदाहरण ग्वालियर में देखने को मिला जहाँ एक सामाजिक कार्यकर्ता को महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने पहले फोन पर धमकाया और फिर ऑफिस बुलाकर उसके साथ अभद्रता की। हरिमोहन ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित कई जगह की है।
सामाजिक कार्यकर्ता हरिमोहन लंबे समय से अपनी टीम के साथ समाजसेवा कर रहे हैं। पिछले दो साल से ये सेनेटरी पैड वितरण को अभियान के रूप में चला रहे हैं। इनकी योजना को प्रधानमंत्री द्वारा भी सराहा गया है। लॉक डाउन के दौरान पिछले दिनों हरिमोहन ने महादेव समर्पण संस्थान और केयर एंड अवेयर फाउंडेशन की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों की किशोरियों, नव युवतियों और महिलाओं तक सेनेटरी पैड पहुंचाए। दरअसल महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सेनेटरी पैड उपलब्ध कराता है, लेकिन लॉक डाउन में वो अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे है और ऐसे में किसी और के द्वारा यही काम करना महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह को नागवार गुजरा। इसीलिये उन्होंने हरिमोहन को ऐसा ना करने की नसीहत दे डाली। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने हरिमोहन और उसकी टीम के प्रयास की खबर को प्रमुखता से अपने पाठकों तक पहुंचाया था।
सामाजिक कार्यकर्ता हरिमोहन ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि चार मई की शाम को राजीव सिंह का फोन आया और उन्होंने मुझे सेनेटरी पैड नहीं बांटने की धमकी दी, साथ ही उसके फोटो अपलोड करने से मना किया गया। राजीव सिंह ने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है फूड में कुछ करना हो तो करो। उसके बाद जब वो अगले दिन पांच मई को उनके कार्यालय पर गए तो उन्होंने जमकर अभद्रता की और सेनेटरी पैड नहीं बाँटने की चेतावनी दी।
कोरोना संक्रमण के दौर में जब स्वच्छता और साफ सफाई की बात की जा रही है तो सेनेटरी पैड भी इसका एक अहम हिस्सा है। महिलाओं को माहवारी के समय में संक्रमण से बचाने और स्वस्थ रखने के लिये इसकी उपलब्धता आवश्यक है, लेकिन यही नेक काम करने पर महिला एवं बाल विकास अधिकारी का इस रवैये ने हरिमोहन को अंदर तक हिला दिया है और इसके बाद उन्होंने एक पोस्ट लिखकर अपना दर्द बयां किया है।
समाजसेवी हरिमोहन की पोस्ट
“धिक्कार है कि हम समाजसेवी हैं…
धिक्कार है कि हमसे पीड़ित मानवता का दुख नहीं देखा जाता…
धिक्कार है कि हम समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के आंसू पोंछने के लिए हाथ बढ़ाते हैं…
धिक्कार है कि हमने समाज की सेवा का प्रण लिया है….
अगर हम निस्वार्थ भाव से सेवा करेंगे तो हमें कलियुगी भगवान (प्रशासनिक अधिकारी) के क्रोध का सामना करना पड़ेगा…
उनके दरबार मे हाज़िरी लगानी पड़ेगी और स्पष्टीकरण भी देना पड़ेगा कि हमने क्यों गरीब के आंसू पोंछे…. क्यों उनकी मदद की…. क्योंकि मदद करने का कार्य तो कलियुगी भगवान (प्रशासनिक अधिकारी) का है… वो चाहें तो मदद करें या लोगो को यूं ही मरने के लिए छोड़ दें…
हमने पिछले दिनों कुछ आदिवासी और गरीब बस्तियों में महिलाओं को सेनेटरी पैड बांटने की मुहिम शुरू की तो महिला एवं बाल विकास विभाग के इन अधिकारी महोदय की छाती पर सांप लोट गए…. महोदय को इतना क्रोध आया कि पहले तो फोन पर धमकाया और फिर ऑफिस में बुलाकर भी हमारी अच्छे से बहुत खातिरदारी की….
लेकिन महोदय आप चाहें तो हम पर देशद्रोही होने का खिताब लगाकर हमे जेल में डाल दें, हम खुशियां बांटने का कारोबार बंद नही करेंगे….”
हरिमोहन ने महिला एवं बाल विकास अधिकारी की ऑडियो रिकॉर्डिंग प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ट्वीट कर भेजी है। राजीव सिंह का पक्ष जानने के लिए हमने उन्हें उनके मोबाइल नंबर 9425136317 पर बुधवार 6 मई को दोपहर 4 बजकर 17 मिनट पर फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।