OMG! दो पत्नियों के बीच ऐसे बंट गया पति, बंटवारा सुनकर चौंक जायेंगे आप

Atul Saxena
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Division Of Husband Between Two Wives : आपने अभी तक परिवार में जमीन जायदाद, सोना चांदी आदि का बंटवारा सुना होगा लेकिन हम आपको जिस बंटवारे के बारे में बताने जा रहे हैं उसे सुनकर आप चौंक जायेंगे, जी हाँ सच में आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे, ये बंटवारा है एक पति का, जिसे दो पत्नियों के बीच बांटा गया है। बंटवारे के समझौते के तहत पति सप्ताह में 3 दिन एक पत्नी के साथ रहेगा और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा खास बात ये है कि रविवार यानि संडे को पति की मर्जी है कि वह दोनों पत्नियों में से किसी के भी साथ रह सकता है।

OMG! दो पत्नियों के बीच ऐसे बंट गया पति, बंटवारा सुनकर चौंक जायेंगे आप

पत्नी को मायके छोड़ने के बाद वापस नहीं लौटा पति 

2018 में ग्वालियर की एक लड़की की शादी गुरुग्राम (गुडगाँव) की एक कंपनी में काम करने वाले  सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ हुई थी, शादी के बाद दोनों दो साल एक साथ रहे इस दौरान उनके एक बेटा भी हुआ लेकिन साल 2020 में कोरोना काल के समय जब लॉक डाउन लगा तो वो अपनी पत्नी को ग्वालियर में उसके मायके छोड़ने आया और गुरुग्राम लौट गया।

ऑफिस में साथ काम करने वाली लड़की से कर ली लव मैरिज 

जब वो कोरोना काल के बाद अपनी पत्नी को लम्बे समय तक ग्वालियर नहीं आया तो पत्नी को शक हुआ। शक की तस्दीक करने पत्नी गुरुग्राम पहुंच गई तो उसे मालूम चला कि उसके पति ने अपने साथ काम करने वाली एक महिला से लव मैरिज कर ली है, उसके एक बेटी भी है। दोनों के बीच इसे लेकर बहुत विवाद हुआ। लेकिन पति ने उसे अपनाने से इंकार कर दिया।

पत्नी ने कुटुंब न्यायालय में लगाया भरण पोषण का आवेदन 

महिला ग्वालियर लौट आई और कुटुंब न्यायालय में भरण पोषण के लिए दावा पेश किया, ये मामला कुटुंब न्यायालय में काउंसलर हरीश दीवान के पास पहुंचा उन्होंने महिला की बात सुनी उसके पति से बात महिला की काउंसलिंग की, पति की फोन पर काउंसलिंग की।महिला अपने पति से भरण पोषण और न्याय चाहती थी, मामला लगभग 6 महीने तक ऐसे ही चलता रहा, काउंसलर हरीश दीवान ने बताया कि पति पत्नी को समझाने के लिए उन्होंने कुटुंब न्यायालय बुलाया, पति से उसकी दूसरी पत्नी को भी साथ लाने के लिए कहा।

काउंसलर ने कोर्ट बुलाकर दी समझाइश 

पति ने स्पष्ट कह दिया कि पहली पत्नी का व्यवहार अच्छा नहीं है इसलिए वो उसे साथ नहीं रख सकता वो दूसरी पत्नी को नहीं छोड़ सकता, वो उससे बहुत प्यार करता है, काउंसलर एडवोकेट हरीश दीवान ने उसे समझाया कि पहली ब्याहता पत्नी को तलक दिए बिना दूसरी शादी करना क़ानूनी अपराध है इसे क़ानूनी मान्यता नहीं है, तुम्हें सजा मिल सकती है, उन्होंने पहली पत्नी से कहा कि कि तुम साथ रहो व्यवहार ठीक रहो क्योंकि भरण पोषण में तुम्हें 4-5 हजार रुपये महीना से ज्यादा कुछ नहीं मिलेगा, काउंसलर की बात तीनों ने बैठकर सुनी तो समाधान निकालने और समझौते के लिए तैयार हो गए।

समझौते के बाद ऐसे दोनों पत्नियों के बीच बंट गया पति 

एडवोकेट हरीश दीवान ने बताया कि हमने तय किया कि पति सप्ताह में तीन दिन एक पत्नी के साथ रहेगा और खाना खायेगा और तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा और खाना खायेगा लेकिन रविवार यानि संडे के दिन पति फ्री रहेगा इस दिन वो अपनी मर्जी का मालिक रहेगा और उसे जिस पत्नी से साथ रहना है वो रह सकेगा।

फ़्लैट भी दिलवाएगा, आधी सेलरी भी देगा पति  

एडवोकेट हरीश दीवान ने बताया कि समझौते के तहत ये भी तय हुआ कि पति अपनी जरुरत के हिसाब से पैसा निकालकर पत्नी को आधी सेलरी देगा साथ ही एक अलग फ़्लैट दिलाएगा, इस पर इंजीनियर पति तैयार हो गया, उन्होंने बताया कि पहली पत्नी भी गुरुग्राम चली गई है पति ने उसे अलग फ़्लैट दिलवा दिया है, इस समझौते के बाद सब खुश हैं।

फैसला बना चर्चा का विषय 

बहरहाल ये मामला कोर्ट में पहुंचने से पहले ही सुलझ गया और पति ने दोनों पत्नियों के भरण पोषण की जिम्मेदारी ले ली, वर्ना कितने साल तक कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते, इसे हैप्पी एंडिंग कहा जा सकता है लेकिन एक पति का इस तरह दो पत्नियों के बीच बंटना कुछ अजीब सा लग रहा है और काउंसलर का ये फैसला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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