ग्वालियर क्राइम ब्रांच की त्वरित कार्यवाही, व्हाट्सएप पर भड़काऊ मैसेज करने वाले व्यक्ति को ट्रेसिंग से किया गिरफ्तार

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना की घोषणा होते ही योजना के खिलाफ युवाओं का प्रदर्शन चालू हो गया। प्रदर्शन धीरे धीरे प्रदर्शन हिंसा के रूप में बदल गया। बिहार से उठी हिंसा की लपटें देखते ही देखते मध्य प्रदेश के ग्वालियर में धधक उठी। गुस्साए छात्रों ने ना केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया बल्कि आमजन के आवागमन को भी बाधित किया। लगभग तीन घंटे चले इस उपद्रव के बाद ग्वालियर प्रशासन और पुलिस ने जैसे तैसे उपद्रवियों पर काबू किया।

हालांकि ग्वालियर में जो भी हुआ वह इंटेलिजेंस फेलियर का एक बहुत बड़ा प्रमाण भी था। लेकिन इस उपद्रव के बाद ग्वालियर पुलिस ने हर तरफ चौकसी बढ़ा दी। इसी चौकसी के चलते ग्वालियर पुलिस अधीक्षक और ग्वालियर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने एक आरोपी को सोशल मीडिया पर झूठी अफवाह और भड़काऊ मैसेज फैलाने के लिए गिरफ्तार किया है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।