Raja Patria’s bail application rejected : मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं उलटी बढती ही जा रही (Congress leader Raja Patria’s problems increased) हैं जेल में बंद राजा पटेरिया की तरफ से ग्वालियर जिला न्यायालय की स्पेशल MP/MLA कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी जिसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया।
ग्वालियर की स्पेशल कोर्ट ने ख़ारिज की जमानत अर्जी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने वाले कांग्रेस नेता राजा पटेरिया को ग्वालियर की स्पेशल कोर्ट से भी निराशा ही हाथ लगी है, जेल में बंद राजा पटेरिया की जमानत याचिका पर आज ग्वालियर जिला न्यायालय की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई, कोर्ट ने जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया।
दरअसल पिछले दिनों 11 दिसंबर को पन्ना जिले के पबई में रेस्ट हॉउस में आयोजित कांग्रेस की एक बैठक आयोजित की गई थी उसका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें राजा पटेरिया अपने संबोधन में कहते सुनाई दे रहे हैं – मोदी इलेक्शन ख़त्म कर देगा। जाति, धर्म और भाषा के आधार पर बांट देगा। संतों का, आदिवासियों का, अल्पसंख्यकों का भावी जीवन खतरे में हैं। संविधान को बचाना है तो मोदी की हत्या के लिए तत्पर रहो, इन द सेन्स उनको हराने के लिए काम करो।
शासन की तरफ से पेश ADPO अभिषेक सिरौठिया ने कहा कि आरोपी का एक्ट आदिवासी वनवासियों सहित वर्ग लोगों की भावनाएं आहत करने वाला था जिससे देश की जनभावनाएं प्रभावित हो सकती थी, उनके द्वारा जो टिप्पणी की गई थी वो देश की संवैधानिक व्यवस्था के प्रतिकूल की गई थी इसलिए जमानत अर्जी को ख़ारिज किया जाये जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
अब डीजे कोर्ट में पेश की जमानत अर्जी
उधर राजा पटेरिया की तरफ से पेश हुए पूर्व महाधिवक्ता राजीव शर्मा ने दलील दी कि उनके क्लाइंट को पिछले 8 दिनों से झूठे मामले में न्यायिक हिरासत में रखा हुआ है उन्होंने कोर्ट को पूरा वीडियो दिखाते हुए कहा कि जो वीडियो वायरल है वो अधूरा है, जमानत अर्जी ख़ारिज होने के बाद राजा पटेरिया की तरफ से डीजे कोर्ट में जमानत आवेदन दिया गया है जिसपर कल गुरुवार को सुनवाई संभव है।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....