डॉ मोहन यादव को ग्वालियर में बहनों ने बाँधी राखी, उपहार के लिए धन्यवाद, सीएम बोले इनका प्यार बना रहें, हम जल्दी और योजनायें ला रहे हैं

मुख्यमंत्री ने ग्वालियर एयरपोर्ट परिसर में ही बहनों से राखी बंधवाई और कहा कि आपकी सुरक्षा और संरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है, ये सावन का महीना रक्षाबंधन में डूब गया है आप बहनों का प्यार जीवन भर बना रहे।

Atul Saxena
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Sisters tied Rakhi to Dr. Mohan Yadav in Gwalior

Sisters tied Rakhi to CM Dr Mohan Yadav in Gwalior: मध्य प्रदेश में इन दिनों रक्षा बंधन उत्सव मनाया जा रहा है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर पूरे प्रदेश में आयोजन हो रहे हैं, जिलों से लेकर ग्राम पंचायतों तक बहनें राखी बांध रही हैं, अधिकांश जगह मुख्यमंत्री खुद पहुंच रहे हैं, आज श्योपुर से लौटते समय सीएम ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचे जहाँ पहले से तैयार ग्वालियर की बहनों ने उनकी कलाई पर राखी बाँधी और उनको तोहफों के लिए धन्यवाद दिया।

सिंगल क्लिक से बहनों के खातों में 1500 रुपये ट्रांसफर

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज श्योपुर के विजयपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश की एक करोड़ 29 लाख बहनों के खातों में लाड़ली बहना योजना के 1250 रुपये और राखी के तोहफे के रूप में 250 रुपये अतिरिक्त कुल 1500 रुपये सिंगल क्लिक से ट्रांसफर किये।

बहनों ने बाँधी राखी, सीएम बोले आप सबका प्यार बना रहे 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हमेशा से महिला सशक्तिकरण के लिए काम करती आई है उन्होंने कहा कि हम जल्दी ही और नई योजनायें लायेंगे, उन्होंने ग्वालियर एयरपोर्ट परिसर में ही बहनों से राखी बंधवाई और कहा कि आपकी सुरक्षा और संरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है, ये सावन का महीना रक्षाबंधन में डूब गया है आप बहनों का प्यार जीवन भर बना रहे।

28 अगस्त को रीजनल इंडस्ट्रियल कानक्लेव के लिए निवेशकों को किया आमंत्रित 

मुख्यमंत्री ने कहा 28 अगस्त को ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्रियल कानक्लेव होगी, बेंगलौर में इसके लिए बड़े स्तर पर प्रस्ताव मिले हैं, हमने पहले उज्जैन में फिर जबलपुर में कानक्लेव की, अब ग्वालियर में होने जा रही ही फिर इसके बाद सागर, रीवा में होगी,  इस तरह लगातार उद्योग और रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है, उन्होंने कहा मैं सभी उद्योगपतियों को आमंत्रित करता हूँ वे आयें और निवेश करें।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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