सिविल स्कोर देखा तो चौंक गए, किसी ने फर्जी दस्तावेज लगाकर निकाल लिया 30 लाख का लोन, LIC अफसरों की भूमिका संदेह के घेरे में

इस मामले में एलआईसी होम फायनेंस के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है क्योंकि कोई भी लोन सेंक्शन करने से पहले अधिकारी फिजिकल वेरिफिकेशन करते है , सभी दस्तावेजों की जाँच करते हैं यदि ये सब किया होता तो ये फर्जीवाड़ा नहीं होता।

Atul Saxena
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Crime Branch Police Station Gwalior

Gwalior News : ग्वालियर में फर्जी दस्तावेजों के आधार किसी दूसरे के नाम से 30 लाख रुपये का लोन निकालने का मामला सामने आया है और ये फर्जीवाड़ा हुआ है एलआईसी हाऊसिंग फाइनेंस कंपनी द्वारा, पीड़ित को इसके बारे में तब पता चला जब वो मोबाइल में अपना सिविल स्कोर चैक कर रहा था, लोन निकलने की बात सामने आते ही वो पुलिस के पास पहुंचा और मामला दर्ज कराया, इस मामले में एलआईसी के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में हैं।

सिविल स्कोर चैक किया तो सामने आया फर्जीवाड़ा 

जानकारी के मुताबिक ग्वालियर में कोरियर एजेंसी संचालित करने वाले संजीव शर्मा पिछले दिनों अपने मोबाइल पर सिविल स्कोर चैक कर रहे थे जो उन्हें बहुत कम दिखा, उन्होंने जब डिटेल चैक की तो उन्हें उसमें 30 लाख रुपये का लोन उनके नाम पर एलआईसी से फायनेंस होना दिखा।

फर्जी लोन की बात सुनकर अफसर भी चौंक गए 

लोन दिखाई देते ही उनके होश उड़ गए वे एलआईसी ऑफिस गए और होम फायनेंस डिपार्टमेंट में इसकी पड़ताल की तो वहां बताया गया कि उनके नाम पर 30 लाख रुपये का लोन दिया गया है, उन्होंने जब इंकार किया कि उन्होंने ऐसा कोई लोन नहीं लिया न कभी एप्लाई किया तो एलआईसी के अफसर भी चौंक गए।

फर्जी आधार कार्ड लगा निकाल लिया 30 लाख का लोन 

जब दस्तावेज चैक किये गए तो लोन एप्लीकेशन के साथ संजीव शर्मा के नाम का आधार कार्ड था ये जैसे ही उन्होंने देखा तो कहा ये तो फर्जी है, संजीव ने अपना असली आधार कार्ड दिखाया और कहा कि 30 लाख के लोन से उनका कोई लेना देना नहीं है किसी ने फर्जीवाड़ा किया है।

एलआईसी होम फायनेंस के अफसरों की भूमिका संदेह के घेरे में  

संजीव शर्मा तत्काल पुलिस के पास पहुंचे और उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया, एडिशनल एसपी के एम षियाज़ ने कहा कि फरियादी की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है , फर्जी दस्तावेज लगाकर 30 लाख का लोन किसने निकाला है इसकी जाँच की जायेगी, उधर इस मामले में एलआईसी होम फायनेंस के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है क्योंकि कोई भी लोन सेंक्शन करने से पहले अधिकारी फिजिकल वेरिफिकेशन करते है , सभी दस्तावेजों की जाँच करते हैं यदि ये सब किया होता तो ये फर्जीवाड़ा नहीं होता, पुलिस मामले की जाँच कर रही है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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