सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की याचिका, हाई कोर्ट का आदेश बरकरार रखा, MP में जारी रहेगी नर्सिंग परीक्षा पर रोक

Supreme Court

Ban on nursing exam will continue in MP : मध्य प्रदेश में नर्सिंग परीक्षाओं पर जारी रोक नहीं हटेगी। सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया जिसमें उन्होंने परीक्षा पर लगाई गई रोक हटाने की मांग की गई थी। आपको बता दें कि मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने बीती 28 अप्रैल को नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले में अहम् फैसला सुनाते हुए नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाने वाले अपने 27 फरवरी के आदेश को बरकरार रखा और सभी 364 कॉलेज की जांच CBI को सौंप दी थी।

SC ने छात्रों की याचिका ख़ारिज की, ग्वालियर HC का आदेश बरकरार रखा 

नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगने के बाद वे छात्र बहुत परेशान हैं जो नर्सिंग कॉलेज के इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं, निजी कॉलेज के कुछ छात्रों ने परीक्षा पर लगी रोक के ग्वालियर हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) दायर की थी, जिसमें सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा पर लगी को हटाने से इंकार कर दिया और ग्वालियर हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।

27 फरवरी को HC ने लगे थी नर्सिंग परीक्षा पर रोक 

गौरतलब है कि अधिवक्ता दिलीप कुमार शर्मा की याचिका पर ग्वालियर हाई कोर्ट ने 27 फरवरी को परीक्षाओं पर रोक लगाई थी,  28 अप्रैल को जब इस मामले की सुनवाई हुई तो ग्वालियर हाई कोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक के आदेश को बरकरार रखते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी, सीबीआई प्रदेश के 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है।

इन मापदंडों पर CBI कर रही है जांच  

हाई कोर्ट ने सीबीआई को 2020 से कॉलेजों के मापदंडों की जांच करने का आदेश दिया है, हाई कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए कि वो ये जांच करे कि 2020-21 की स्थिति में कौन से नरसिंह कॉलेज वैध है और कौन से अवैध, यानि इस दौरान कहाँ इंफ़्रास्ट्रचर था, फेकल्टी थी, बच्चों ने कब एडमिशन लिया आदि सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं को जांचें और अपनी रिपोर्ट पेश करे।

12 मई को होगी मामले की अगली सुनवाई

इस मामले में हाई कोर्ट के निर्देश पर मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल को भी बनाया पक्षकार बनाया गया है, मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी, जिसमें सीबीआई 364 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत करेगी।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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