Tansen Samaroh 2022 : संगीत सम्राट तानसेन की याद में उन्हें स्वरांजलि देने के लिए आयोजित होने वाले तानसेन समारोह की तैयारियां जारी हैं। तानसेन समारोह 2022 का मुख्य संगीत सभाएं एवं अलंकरण समारोह संगिर शिरोमणि तानसेन की समाधि पर होगा। समारोह की तैयारियां तेज हो गई है, आज गुरुवार को संभाग आयुक्त दीपक सिंह, ग्वालियर आईजी/एडीजीपी डी श्रीनिवास वर्मा ने हजीरा स्थित तानसेन समाधि यानि कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया। गौरतलब है कि भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश व दुनिया का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” संगीत नगरी ग्वालियर में 18 से 23 दिसंबर तक आयोजित होगा।
ग्वालियर में 19 दिसंबर को स्थानीय अवकाश
संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने समारोह में अधिक से अधिक संगीत रसिकों की भागीदारी के उद्देश्य से सोमवार 19 दिसंबर को अतिरिक्त स्थानीय अवकाश घोषित किया है। यह अवकाश बैंक एवं कोषालयों के लिये लागू नहीं रहेगा। उन्होंने आयोजन से जुड़े सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि तानसेन समारोह की सभी व्यवस्थायें उच्चकोटि की हों। व्यवस्थायें ऐसी हों, जिससे संगीत रसिक अच्छे वातावरण में बैठकर संगीत सभाओं का आनंद ले सकें।
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बड़ी LED स्क्रीन लगाने के निर्देश
संभाग आयुक्त ने कहा कि हजीरा स्थित तानसेन समाधि परिसर में आयोजित होने वाले मुख्य समारोह में संगीत रसिकों के लिये बैठने की पर्याप्त व्यवस्था रहे। मुख्य समारोह के पण्डाल के अलावा सामने की ओर लगाए जाने वाले अतिरिक्त पण्डाल में एलईडी स्क्रीन भी लगवाई जाए, जिससे संगीत रसिकों की संख्या बढ़ने पर स्क्रीन के माध्यम से भी रसिक तानसेन समारोह की सभाओं का आनंद ले सकें।
“गमक” के लिए पार्किंग की विशेष व्यवस्था
संभाग आयुक्त एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने यह भी निर्देश दिए कि मुख्य समारोह आयोजन स्थल तानसेन समाधि परिसर एवं इंटक मैदान पर आयोजित होने वाले उप शास्त्रीय संगीत सभा “गमक” में आने वाले संगीत रसिकों के लिये पार्किंग की बेहतर से बेहतर व्यवस्था करें। पार्किंग व्यवस्था ऐसी हो, जिससे रसिक कम से कम दूरी तय कर समारोह स्थल पर पहुँच सकें। साथ ही शहर का यातायात भी बाधित न हो।
कार्यपालिक दण्डाधिकारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश
संभाग आयुक्त श्री सिंह ने आयोजन स्थल पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिये कार्यपालिक दण्डाधिकारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश भी दिए। श्री सिंह ने नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल से कहा कि आयोजन स्थल पर साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की जाए।
19 दिसंबर को शहनाई वादन, हरिकथा से होगी शुरुआत
भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश व दुनिया का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” संगीतधानी ग्वालियर में 18 से 23 दिसंबर तक आयोजित होगा। 18 दिसंबर को सायंकाल 7 बजे इंटक मैदान में समारोह के तहत पूर्वरंग “गमक” का आयोजन होगा। जिसमें सुविख्यात सूफी गायक हंसराज हंस की प्रस्तुति होगी। “गमक” से पहले सायंकाल 5 बजे से गूजरी महल किलागेट से भव्य लोक कला यात्रा निकलेगी। जो अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए गमक आयोजन स्थल इंटक मैदान पहुँचेगी। 19 दिसंबर को प्रात:काल तानसेन समाधि पर परंपरागत ढंग से शहनाई वादन, हरिकथा एवं मिलाद गायन होगा। इस दिन सायंकाल औपचारिक रूप से समारोह का शुभारंभ एवं अलंकरण समारोह आयोजित होगा।
गमक की तीन सभाओं सहित कुल 13 संगीत सभाएं होंगी
इस साल तानसेन समारोह का 98वा वर्ष है, शताब्दी समारोह के मद्देनजर इस साल के तानसेन समारोह का विस्तार किया गया है। समारोह के तहत ग्वालियर के अलावा शिवपुरी व दतिया में भी गमक की सभायें होंगी। गमक की पहली सभा 16 दिसंबर को शिवपुरी में, दूसरी सभा 17 दिसंबर को दतिया में एवं तीसरी सभा ग्वालियर में आयोजित होगी। समारोह के तहत 22 दिसंबर को एक सभा मुरैना जिले के अंतर्गत ग्राम पड़ावली के समीप स्थित ऐतिहासिक स्थल बटेश्वर मंदिर प्रांगण में सजेगी। यह सभा शास्त्रीय संगीत की रहेगी।
तानसेन की जन्मस्थली बेहट पर होगी अंतिम संगीत सभा
मुख्य समारोह तानसेन समाधि स्थल पर 19 दिसंबर की शाम पहली सभा होगी। इसके बाद हर दिन प्रात:काल 10 बजे प्रात:कालीन सभा एवं सायंकाल 6 बजे से सायंकालीन सभा होगी। तानसेन समाधि परिसर में 7 संगीत सभायें और समारोह के आखिरी दिन यानि 23 दिसंबर को प्रात:कालीन सभा सुर सम्राट की जन्मस्थली बेहट में और अंतिम सभा सायंकाल ग्वालियर दुर्ग स्थित गूजरी महल परिसर में सजेगी।