“वो मेरा शारीरिक शोषण करता था, मैंने बदला ले लिया” ये लिखकर छात्र ने किया जीवन समाप्त

Atul Saxena
Published on -

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पुलिस के सामने आत्महत्या का एक अजीब मामला सामने आया है। जिस 20 साल के छात्र  ने आत्महत्या (student suicide) की उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसने पुलिस को उलझन में डाल दिया है। मृतक ने 15 साल के नाबालिग पर शारीरिक शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं।  सुसाइड नोट में बदला लेने का भी जिक्र है , खास बात ये है कि जिस नाबालिग पर आरोप है वो भी गायब है।

ग्वालियर के हजीरा थाना (Gwalior Police) क्षेत्र के कांचमिल में रहने वाले 20 साल के छात्र साहिल चौहान ने अपने कमरे में फांसी लगा ली (Suicide)। मंगलवार रात वो कोचिंग से लौटा और अपने कमरे में चला गया, परिजनों ने सोचा थक कर सो गया होगा।  बहुत देर तक जब साहिल बाहर नहीं आया तो मां को चिंता हुई और जब कमरे में जाकर देखा तो शव पंखे से लटका मिला।

सुसाइड नोट में लिखी शारीरिक शोषण की बात

मां की चींख निकल गई, चीख सुनकर घर के लोग दौड़े, पुलिस को फोन लगाया। पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें छात्र ने लिखा – पास ही रहने वाले 15 साल के लड़के (नाम का जिक्र भी है) ने मेरे साथ गलत काम किया, वो समलैंगिक था, मेरा शोषण कर रहा था, ब्लैकमेल कर रहा था, मुझसे पैसे ले रहा था। उसकी बात नहीं मानने पर फंसाने की धमकी दे रहा था। वो मुझसे छोटा था मेरी बात पर कौन विश्वास करता इसलिए किसी को कुछ बता नहीं पाया , इसलिए अब मैं बदला लेकर खुद की जान दे रहा हूँ। अंत में माता पिता के लिए लिखा – अगला जन्म लेकर आपसे मिलूंगा।

जिस पर आरोप लगाए वो घर से गायब मिला

सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस 15 साल के लड़के के घर पहुंची।  पुलिस को पता चला कि वो भी मंगलवार सुबह से लापता है। उसका मोबाइल घर पर ही है। आज बुधवार को उसकी साईकिल जेसी मिल के जंगल में मिली है।  सीएसपी रवि भदौरिया ने बताया कि पुलिस लगातार सर्चिंग कर रही है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News