Dabra News : डबरा कृषि उपज मंडी मध्यप्रदेश की दूसरी बड़ी फसल मंडियों में से एक मानी जाती है जिसमें दूर दराज के क्षेत्रों से अपनी फसल बेचने के लिए आने वाला अन्नदाता किसान प्रशासन की अनदेखी और व्यपारियों की मनमानियों का शिकार हो रहा है फसल बेचने आया किसान कच्ची आढ़त का शिकार हो रहा है। क्योंकि मंडी में नियम पूर्वक फसल की खरीदी नहीं की जाती है। वहीं सैंपल और दलालों की मदद से व्यापारी फसल खरीद रहे हैं जिसमें किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। साथ ही मंडी में किसानों को कई घंटों तक जाम में फंसा रहना पड़ता है और वहीं मंडी में बने कैंटीन पर भी बिना टोकन के किसानों को बाजार के दामों में ही खाना और नास्ता दिया जाता है।
यह है पूरा मामला
ऐसी कई गंभीर अव्यवस्थाएं और परेशानियों से मंडी में आने वाला किसान परेशान है। वहीं गौर करें तो मंडी प्रशासन कभी भी मंडी में मॉनिटरिंग नहीं करती हैं जिससे व्यापारी मनमानी कर किसानों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं और मंडी में जहां 700 फर्मों के लाइसेंस स्वीकृत है। लेकिन मंडी में इन फर्मों पर कई ऐेसे व्यापारी भी है जो कि बाहर से आकर बग़ैर रजिस्ट्रेशन के फसल खरीदी कर रहे हैं। वहीं बता दें कि कृषि उपज मंडी में मीडिया के पहुंचने पर मंडी सचिव को सूचित किया तब मंडी सचिव अनिल शर्मा ने एक ही कांटे का निरीक्षण कर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की, वहीं अब देखना यह होगा कि किसानों की समस्या को लेकर प्रशासन कितनी कार्रवाई करेगा या फिर हमेशा की तरह ही खानापूर्ति होगी।