Gwalior tour of President Droupadi Murmu : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंची, वे सिंधिया रियासत के महल जयविलास पैलेस गईं, वहां म्यूजियम देखा, महल में राष्ट्रपति का पारंपरिक ढंग से स्वागत हुआ, यहाँ उन्हें शाही भोज परोसा गया बिना प्याज और लहसुन का सात्विक भोजन था, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक होस्ट की तरह अपने महल में राष्ट्रपति को भोजन भी परोसा और एक कुशल गाइड की तरह उन्हें म्यूजियम में रखी ऐतिहासिक वस्तुओं के बारे में भी बताया। राष्ट्रपति अटल बिहारी वाजपेयी आईआईआईटीएम (ABV IIITM) के दीक्षांत समारोह में भी शामिल हुईं ।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ABV IIITM (Atal Bihari Vajpayee Indian Institute of Information Technology and Management,Gwalior) यानि एबीवी आईआईआईटीएम ( अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर) के चौथे दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं, कार्यक्रम में उनके साथ मप्र के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य अतिथि शामिल थे।
राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा – ग्वालियर मध्य प्रदेश के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है। यह शहर अपने महलों, मंदिरों और किलों के लिए प्रसिद्ध है। भारत के इतिहास में ग्वालियर शहर और क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय संस्कृति की अनेक बहुमूल्य धरोहरों को ग्वालियर में संरक्षित किया गया है। ग्वालियर आकर मैं देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का सादर स्मरण करती हूँ और उन्हें नमन करती हूँ। ग्वालियर उनका प्रमुख कर्मस्थल रहा है। भारत रत्न वाजपेयी जी समकालीन भारत के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे, जिन्होंने एक प्रभावशाली विरासत छोड़ी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले आप सभी युवा विद्यार्थियों से यह अपेक्षा करती हूं कि आप समाज के उन लोगों के बारे में भी सोचें जो विकास की यात्रा में थोड़ा पीछे रह गए हैं। समाज के प्रत्येक व्यक्ति विशेषकर आप सभी युवाओं का यह दायित्व है कि समाज के पिछड़े लोगों के विकास में अपनी भागीदारी समझें। मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई है कि ABV-IIITM के अधिकांश विद्यार्थियों की placement अच्छी कंपनियों में हो गयी है। जिन विद्यार्थियों की placement नहीं हुई है उनकी क्षमता किसी भी मायने में कम नहीं है और उन्हें भी आगे बढ़ने के लिए अनगिनत अवसर मिलेंगे। जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए यह ज़रूरी है कि हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं उसको समय-समय पर परखते रहें। दृढ़ संकल्प के साथ सही रास्ता चुन कर आगे बढ़ जायेंगे तो लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा और जीवन में संतुष्टि भी मिलेगी।
दीक्षांत समारोह में शामिल होने से पहले राष्ट्रपति जयविलास पैलेस पहुंची, यहाँ सिंधिया महल में केंद्रीय मंत्री और सिंधिया परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनमी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया एवं उनके बेटे महान आर्यमन सिंधिया ने उनका स्वागत किया, महल में पारंपरिक तरीके शहनाई की धुन के साथ राष्ट्रपति का स्वागत किया गया, लोक कलाकारों ने आदिवासी नृत्य तो अन्य कलाकारों में भारतीय शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर राष्ट्रपति का स्वागत किया, राष्ट्रपति ने कलाकारों का उत्साहवर्धन किया और उनके साथ फोटो भी खिंचाई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू में जयविलास पैलेस के दरबार हॉल में गणमान्य नागरिकों से भेंट की, राष्ट्रपति पैलेस का म्यूजियम देखने पहुँचीं, जहाँ उन्होंने जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति ने म्यूजियम में संस्कृति एवं इतिहास से जुड़ी विभिन्न गैलरियों को देखा। उन्होंने मौके पर स्कूली बच्चों से भेंटकर उनसे बातचीत की और उन्हें टॉफी भेंट की। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने उन्हें एक कुशल और प्रशिक्षित गाइड की तरह म्यूजियम में रखी ऐतिहासिक वस्तुओं की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने म्यूजियम देखने के बाद विजिटर बुक में अच्छा से कमेन्ट भी लिखा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सिंधिया परिवार ने दोपहर का भोज दिया। यहाँ उन्हें बिना प्याज लहसुन का शाही भोजन परोसा गया। भोजन में खास तौर पर ओडिशा और उत्तर भारत की स्पेशल डिश खुद सिंधिया और उनकी पत्नी द्वारा तैयार कराई थी। सिंधिया ने खुद राष्ट्रपति को अपने हाथ से खाना सर्व किया। लंच के मेन्यू में नेपाली साग से लेकर संतुला, जीरा मूँग दाल, छिलरा, पनीर मखाना, भुट्टे का कस सहित अन्य व्यंजन थे। भोजन की टेबल पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, जल संसाधन मंत्री एवं प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित अन्य अतिथि शामिल थे।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट