Video : जेसीबी से जैसे ही शुरू की खुदाई, जमीन से फूटा शराब का फव्वारा

Atul Saxena
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Gwalior fountain of liquor : आपने जमीन से पानी के फव्वारे फूटते सुने और देखे होंगे लेकिन शराब का फव्वारा फूटते सुना या देखा है ? यकीनन नहीं। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि ऐसा हुआ है, यकीन नहीं है तो आप हमारी खबर में नीचे दिए गए वीडियो देखेंगे तो आपको इसकी हकीकत पता चल जाएगी।

दरअसल ये पूरा मामला अवैध शराब से जुड़ा हुआ है, ग्वालियर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी को सूचना मिली थी कि पनिहार थाना क्षेत्र के बरई गांव के तिघरा पहाड़ी में कंजरों द्वारा डेरे डालकर अवैध कच्ची शराब का निर्माण किया जा रहा है। सूचना के बाद एसपी ने एडिशनल एसपी शहर (पश्चिम) श्री गजेंद्र सिंह वर्धमान  को पुलिस, आबकारी और प्रशासन की संयुक्त टीम बनाकर कार्यवाही के निर्देश दिए।

पुलिस, आबकारी और प्रशासन की संयुक्त कार्यवाही

निर्देश मिलते ही पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम ने कंजरों के डेरों पर दबिश दी। मौके पर टीम के साथ एसडीएम घाटीगांव अनिल बनवारिया, एसडीओपी घाटीगांव संतोष पटेल, थाना प्रभारी प्रवीण शर्मा, नायब तहसीलदार, पटवारी, आबकारी की टीम द्वारा तिघरा की पहाड़ी पर पहुंचे। पुलिस टीम को आता देख अवैध कच्ची शराब बनाने वाले कंजर भाग गए।

जेसीबी नीचे जाते ही फूटे शराब के फव्वारे

संयुक्त टीम ने मुखबिर सूचना के आधार पर घरों के पीछे पहाड़ी में ड्रम गाड़कर रखे होने की खबर पर जेसीबी मशीन के माध्यम से खुदाई की गई तो पुलिस टीम को हजारों लीटर अवैध कच्ची शराब मिली। इस कार्यवाही के दौरान पुलिस व प्रशासन की टीम द्वारा मौके पर 5 हजार लीटर लहान नष्ट किया गया और अवैध शराब बनाने की भट्टी को तोड़ा गया।

3,000 लीटर कच्ची शराब जब्त

पुलिस टीम द्वारा मौके से तीन हजार लीटर अवैध कच्ची शराब एवं जमीन से शराब निकालने का पम्प व शराब बनाने की अन्य सामग्री को जप्त किया गया। थाना पुलिस पनिहार द्वारा लगभग 3000 लीटर अवैध कच्ची शराब को जप्त कर फरार आरोपियों के खिलाफ आबकारी अधिनियम 34(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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