Bharat Jodo Yatra : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जैसे जैसे आगे बढ़ रही है वैसे वैसे उसे जन समर्थन मिल रहा है, राहुल गांघी के साथ कांग्रेस नेताओं की एक बड़ी फौज चल रही है और फिर जिस क्षेत्र से यात्रा निकलती है वहां के स्थानीय निवासी भी यात्रा में दिखाई दे रहे हैं। इस यात्रा ने राजनीतिक पंडितों का ध्यान अपनी तरफ खींच रखा है।
भाजपा हालांकि राहुल गांधी की यात्रा को अलग नजरिये से देख रही है, उसे वो भारत जोड़ो नहीं भारत तोड़ो यात्रा बता रही है, राहुल इस समय मध्य प्रदेश में हैं और खरगौन से वायरल हुए वीडियो में पाकिस्तान जिंदाबाद नारे की आवाज के बाद भाजपा उसपर हमलावर हुई फिर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर के खिलाफ छत्तीसगढ़ में एफआईआर दर्ज करवा दी, सभी जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है।
राहुल गांधी की यात्रा को आम व्यक्ति अलग नजरिये से देख रहा है, पूर्व दस्यु सम्राट मलखान सिंह ने भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से किसी पार्टी को नुकसान तो होगा, उनकी यात्रा को समर्थन मिल रहा है, उनकी दाढ़ी बढ़ रही है, पैदल चल रहे हैं, नेता पैदल चल रहे हैं।
आत्मसमर्पित डकैत दादा मलखान सिंह ने कहा कि यात्रा से बहुत ज्यादा फर्क पड़ेगा, लोग बदलाव चाहते हैं क्योंकि जो लोग अपने घमंड में हैं कि वे फिर मंत्री बन जायेंगे उनके लिए मुश्किल होगा क्योंकि उन्होंने जनता के लिए कोई काम नहीं किया, किसानों के लिए कोई काम नहीं किया है।
मलखान सिंह ने कहा कि वे भले ही वे भाजपा के प्रचार करते हैं उसमें हैं लेकिन अन्याय के खिलाफ आवाज तो उठानी पड़ेगी, मैंने तो पहले भी अन्याय के खिलाफ बंदूक उठाई थी , अभी बी अन्याय सहन नहीं करेंगे , उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में पाकिस्तान जिंदाबाद एक नारे लगने के बात को बकवास बताया, पूर्व डकैत ने कहा कि पांच साल ये लोग इसी में निकाल देंगे, कांग्रेस – भाजपा के नेता आरोप प्रत्यारोपों, टिप्पणियों में समय निकाल देते है, जनता के लिए कोई काम नहीं करते, अब जनता इन्हें सबक सिखाएगी।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....