ग्वालियर, अतुल सक्सेना। अपनी अलग कार्यशैली के लिए चर्चित ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) गुरुवार को ग्वालियर (Gwalior News) में फिर अलग अंदाज में नजर आये। नई जगह शिफ्ट किये गए सब्जी मंडी के दुकानदारों का हल जानने के लिए ऊर्जा मंत्री पहुंचे थे, वे आदत के मुताबिक बुजुर्ग महिलाओं के सामने जमीन पर बैठे उनके पैरों में सिर झुकाया। इसी दौरान उन्होंने एक महिला के दोनों हाथों को पकड़कर अपने गाल की तरफ ले जाते हुए कहा कि गलती हुई हो तो मार दो थप्पड़।
सड़क पर सफाई, टॉयलेट की सफाई, नालों से कीचड़ निकालने और बुजुर्गों के पैरों में सिर रखकर उनका आशीर्वाद लेने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का अब एक नया वीडियो वायरल हो रहा है। दर असल नगर निगम ने बुधवार को ऊर्जा मंत्री की विधानसभा में हजीरा सब्जी मंडी व हजीरे पर लगने वाले फलों के ठेलों को इंटक मैदान में शिफ्ट करने की कार्यवाही की। जिसमें हजीरा मंडी से 114 सब्जी विक्रेताओं को इंटक में बनाई गई सब्जीमंडी के चबूतरों पर, लगभग 300 ठेला व्यवसाईयों को इंटक में बनाए गए हॉकर्स जोन में एवं लगभग 50 फुटपाथ व्यवसाईयों को इंटक मैदान में शिफ्ट किया गया।
शिफ्टिंग की इस कार्यवाही के बाद कई दुकानदारों ने पुलिस और नगर निगम प्रशासन की कार्यवाही पर नाराजी जताई। गुरुवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर इंटक मैदान में बनाये गए हॉकर्स जोन पहुंचे और उनसे मुलाकात की। ऊर्जा मंत्री ने जब सब्जी विक्रेताओं से बात की तो महिलाएं शिकायतें करने लगी। उन्होंने उनके साथ नगर निगम और पुलिस वालों द्वारा की अभद्रता की शिकायत की।
शिकायत करने वाली नाराज महिला ने ऊर्जा मंत्री से ये तक कह दिया कि कल तुमने हैं पिटवा दिया, लेकिन ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने महिला से कहा कि तुम मेरी माँ समान हो मैं तेरा बेटा हूँ, क्या मैं ऐसा कर सकता हूँ, बाद में उन्होंने कहा कि मुझसे कोई गलती हो गई हो तो मुझे पीट लो, मेर गाल पर थप्पड़ मार दो, उसके बाद ऊर्जा मंत्री ने महिला के पैरों में सिर रखकर आशीर्वाद लिया।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हॉकर्स जोन का निरिक्षण किया है, नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिस हिसाब से हजीरा मंडी में दुकानें थी वैसी ही व्यवस्था यहाँ की जाये, किसी भी दुकानदार को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....