ग्वालियर अतुल सक्सेना। परिवारवाद को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का बड़ा बयान सामने आया है। ग्वालियर (Gwalior News) में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा कि हमारे परिवार ने तो पिछले कई दशकों से इसे अपनाया हुआ है , सिंधिया ने कहा कि मेरा मानना है सबको मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवार का एक सदस्य ही राजनीति में पर्याप्त होना चाहिए। सिंधिया के इस बयान के बाद उन कयासों पर विराम लग गया है जिसमें 2023 में सिंधिया के बेटे महान आर्यमन सिंधिया की राजनीति में एंट्री की बातें सामने आ रही थी।
ग्वालियर के दो दिवसीय दौरे पर पहंचे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज गुरुवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) के परिवारवाद से जुड़े उस बयान (Scindia’s statement on familism) का समर्थन किया जिसमें एक परिवार में एक टिकट की बात कही गई है , यानि आने वाले चुनावों में किसी भी सांसद, विधायक या अन्य किसी नेता के परिजन को टिकट नहीं दिया जायेगा।
सिंधिया ने कहा कि सिंधिया परिवार का एक सदस्य ही राजनीति में रहता है हमने तो पिछले 30 – 40 साल से अपने जीवनकाल में परिवार में अपनाया हुआ है। ये एक महत्वपूर्ण कदम भी है क्योंकि मेरा मानना है कि सभी को मौका मिलना चाहिए, परिवार का एक सदस्य राजनीति में हो वो पर्याप्त होना चाहिए।
सिंधिया के इस बयान के बाद उनके बेटे महान आर्यमन की राजनीति में एंट्री की अटकलों पर विराम लग गया है। गौरतलब है कि पिछले लम्बे समय से महान आर्यमन सिंधिया के राजनीति में आने की चर्चा जोरों पर है, इसको और हवा तब मिली जब पिछले दिनों महान आर्यमन सिंधिया को ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन (GDCA) का उपाध्यक्ष बनाया गया। लेकिन अब जेपी नड्डा के बयान के समर्थन में आये सिंधिया के बयान से सबकुछ क्लियर हो गया है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों भोपाल दौरे पर आये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था आने वाले चुनावों में पार्टी नेताओं के परिजनों को टिकट देने से परहेज करेगी। नेताओं के जिन बेटे बेटियों या अन्य परिजनों को पार्टी के काम करना है उनका स्वागत है लेकिन पिता का अध्यक्ष होना, बेटे का सचिव होना , चाचा का किसी और महत्वपूर्ण पद पर होना गलत है ये परिवारवाद है ये भाजपा में बिलकुल नहीं चलेगा।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....