जब “लाड़ली बहना” के लिए एसबीआई ने की ना, तब काम आई अपर आयुक्त की गांधीगिरी

Atul Saxena
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Gwalior News, Ladli Behna Yojana : प्रदेश में इस समय लाड़ली बहना योजना के फॉर्म भरे जा रहे हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान के स्पष्ट निर्देश हैं कि पात्रता रखने वाली एक भी महिला छूटनी नहीं चाहिए, इसीलिए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी खुद मौके पर पहुंचकर फॉर्म भरवा रहे हैं और समस्यायों का समाधान कर रहे हैं। हालाँकि कुछ जगह महिलाओं के बेवजह परेशान किये जाने की खबर जब सामने आई तो ग्वालियर नगर निगम के अपर आयुक्त वहां पहुँच गए और गांधीगिरी कर बैंक अधिकारियों को समझाइश दी तब जाकर रुका हुआ काम फिर शुरू हुआ।

जब "लाड़ली बहना" के लिए एसबीआई ने की ना, तब काम आई अपर आयुक्त की गांधीगिरी

पूरे प्रदेश की तरह ग्वालियर में भी लाड़ली बहना योजना के फॉर्म भरे जाने का काम चल रहा हैं, आज तक की अपडेट के मुताबिक ग्वालियर में 1,25,000 लाडली बहनों का पंजीयन किया जा चुका है, यह पंजीयन कार्य सुबह 7:00 से रात के 9:00 तक नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा लगातार किया जा रहा है। इस गति के चलते नगर निगम ग्वालियर की स्थिति प्रदेश के 16 अन्य नगर निगम में तीसरे स्थान पर है।

जब "लाड़ली बहना" के लिए एसबीआई ने की ना, तब काम आई अपर आयुक्त की गांधीगिरी

लेकिन इस बीच बुरी खबर ये है कि सरकार की लाड़ली बहना योजना के पंजीयन के बाद बेंकों द्वारा महिलाओं के साथ सहयोग नहीं किया जा रहा है क्योंकि किसी भी लाड़ली बहना को योजना का तभी लाभ मिल पाएगा जब उसका बैंक या पोस्ट ऑफिस में व्यक्तिगत नाम से एकल खाता हो एवं उक्त खाते में आधार लिंक व डीबीटी इनेबल्ड हो। इस कारण से बैंकों में एवं पोस्ट ऑफिस में भारी संख्या में महिलाएं अपने नए खाते खुलवाने या आधार लिंक करवाने या डीबीटी इनेबल करवाने के लिए पहुंच रहीं हैं मगर बैंक वाले सहयोग नहीं कर रहे।

जब "लाड़ली बहना" के लिए एसबीआई ने की ना, तब काम आई अपर आयुक्त की गांधीगिरी

आज बुधवार 19 अप्रैल को वार्ड 50 के पार्षद अनिल सांखला द्वारा नगर निगम ग्वालियर के अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता को सूचना दी गई कि भारतीय स्टेट बैंक महाराज बड़ा ब्रांच में महिलाओं को परेशान किया जा रहा है एवं उनको सुबह 7:00 बजे से खड़ा करके काम बहुत ही धीमी गति से किया जा रहा है, इससे बहुत सारी महिलाएं अनावश्यक रूप से परेशान हो रही है।

सूचना मिलने पर अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता नगर निगम के स्वास्थ्य एवं सफाई के अमले के साथ भारतीय स्टेट बैंक की महाराज बड़ा ब्रांच में पहुंचे एवं इस संबंध में भारतीय स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक रमेश झा से चर्चा की और उनसे आग्रह किया गया कि इतनी बड़ी ब्रांच में केवल एक महिला क्लर्क के द्वारा लाडली बहनों का डीबीटी कार्य नहीं किया जा सकता अतः आपको इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ बैठाना चाहिए।

सहायक महाप्रबंधक रमेश झा ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया कि उनके पास कोई अतिरिक्त कर्मचारी नहीं है, इस संबंध में आप हमारे सीनियर ऑफिसर से या भोपाल में बात करें। इस पर अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता ने उनसे कहा कि यह कार्य स्वयं सहायक महाप्रबंधक का है कि वह अपने सीनियर ऑफिसर से बात करें या किसी अन्य कार्य के स्टाफ को लाडली बहनों के कार्य में संलग्न करें। नगर निगम ग्वालियर का कार्य शहर की सफाई व्यवस्था का है वह उनके द्वारा कराया जा सकता है।

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अपर आयुक्त ने इसी दौरान बैंक के बाहर और अन्दर गन्दगी देखकर स्वास्थ्य विभाग के अमले को वहां बुलाया, स्वास्थ्य अधिकारी भीष्म पमनानी, डिपो प्रभारी विष्णु , डब्ल्यूएचओ विक्रम के नेतृत्व में सफाई स्टाफ के द्वारा ब्रांच में जेंटिग मशीन, फागिंग मशीन, सैनिटाइजर मशीन बुलवाकर सफाई का विशेष अभियान चलाकर गांधीगिरी का मैसेज बैंक स्टाफ को दिया गया और उनसे आग्रह किया गया कि जिस प्रकार से तत्परता से नगर निगम ग्वालियर स्वच्छता में काम करता है आप भी इन लाडली बहनों को विशेष सुविधाएं प्रदान करें।

जब "लाड़ली बहना" के लिए एसबीआई ने की ना, तब काम आई अपर आयुक्त की गांधीगिरी

नगर निगम के इस कार्य से अभिभूत होकर सहायक महाप्रबंधक द्वारा लाड़ली बहनों की सुविधा के लिए दो अन्य कर्मचारियों को नियुक्त किया गया ताकि लाड़ली बहनों के आधार लिंक एवं डीबीटी इनेबल्ड का कार्य सुविधाजनक एवं शीघ्रता से संपन्न किया जा सके। काम फिर से शुरू होने के बाद अपर आयुक्त  मुकुल गुप्ता, पार्षद अनिल सांखला  ने बैंक के सहायक महाप्रबंधक  रमेश झा एवं बैंक के स्टाफ को धन्यवाद दिया और फिर वहां से रवाना हो गए।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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