आखिर नगर निगम ने क्यों जब्त की भैंसें, पढ़िए पूरी खबर

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) ने इन दिनों जल कर वसूली (water tax recovery) अभियान चला रखा है। पानी का बिल नहीं देने वालों के कनेक्शन काटे जा रहे हैं और उनपर जुर्माना लगाया जा रहा है। बुधवार को नगर निगम के अमले ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए पानी के बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने पर भैंसे जब्त कर ली और उनके कनेक्शन काट दिए।

ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर किशोर कन्याल संपत्ति कर वसूली के साथ साथ जल कर वसूली अभियान भी चला रहे हैं  उन्होंने अपर आयुक्तों से लेकर पीएचई के अधिकारियों को बड़े बकायादारों से जल कर की राशि वसूलने के कड़े निर्देश दिए हैं। बुधवार को नगर निगम की टीम ने 7,47,876 रुपये के नगद वसूली की और बकाया राशि नहीं देने वाले  पशुपालकों की भैंसें जब्त कर ली और उनके नल कनेक्शन काट दिए।

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नगर निगम की टीम अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता के नेतृत्व में बुधवार को वार्ड क्रमांक-60 के शक्ति बिहार पहुंची यहाँ उन्होंने जल कर का बकाया बिल का भुगतान न करने के कारण तीन पशुपालकों दीनानाथ पाल (बकाया राशि 67,355 रुपये), अजमेर पाल (बकाया राशि 77,800 रुपये) और राजेन्द्र पाल (बकाया राशि 82,896 रुपये) की भैंसे जब्त कर ली ।

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भैसें जब्त करने के बाद दो पशुपालक  दीनानाथ पाल, अजमेर पाल ने राशि जमा कर दी।  दीनानाथ ने 67,355 रुपये एवं अजमेर पाल ने 77,800 रुपये जमा कर दिए जिसके बाद नगर निगम ने भैंसे छोड़ दीं। इसके अलावा रामनिवास सेंथिया ने 12,500 रुपये, जितेंद्र बघेल ने 78,000 रुपये,  रामगोपाल ने 38,000 रुपये जमा कर दिए। लेकिन एक अन्य पशुपालक राजेन्द्र पाल द्वारा 82,896 रुपये की बकाया राशि जमा नहीं करने पर भैस को नगर निगम ने कुर्क कर लाल टिपारा गौ शाला भेज दिया ।

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नगर निगम अमले ने पशुपालक दीनानाथ पाल, अजमेर पाल, रामनिवास सेंथिया, जितेन्द्र बघेल, रामगोपाल एवं  राजेन्द्र पाल के नल जल कनेक्शन काट दिए गये उक्त सभी घरों में एक से अधिक कनेक्शन भी पाये गये है एवं सभी घरों के सामने 8 से 10 फुट लंबे रेम्प बना रखे थे जिसे जेसीबी के माध्यम से तोडकर हटाया गया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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