Protest at Energy Minister’s house in Gwalior : ग्वालियर में आज ऊर्जा मंत्री के घर का कुछ महिलाओं ने घेराव किया , इसमें बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल थीं। इनकी मांग थी कि उनके क्षेत्र में स्थित देशी कलारी को हटाया जाए उससे उन्हें बहुत परेशानी होती है। जिस समय महिलाएं प्रदर्शन कर रही थी उस समय मंत्री घर पर नहीं थे, वे जब पहुंचे तो उन्होंने महिलाओं को समझाया, उन्हें भरोसा दिया कि वे उनके पास क्षेत्र में ही आएंगे और समस्या का समाधान करेंगे, इसके बाद मंत्री ने अपने वाहनों में बैठकर इन महिलाओं को उनके घर पहुँचाया।
मप्र की शिवराज सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अपनी अलग कार्यशैली के लिए चर्चा में रहते हैं, आज एक बार फिर उनका अलग रूप देखने को मिला, आज शुक्रवार को उनकी ही विधानसभा के सेवा नगर मोहल्ले से कुछ महिलायें मंत्री जी के निजी निवास कांच मिल क्षेत्र पहुँच गई।
महिलाएं सुबह सुबह मंत्री जी के घर पर पहुँच गई और सड़क पर बैठ गई, मंत्री घर पर नहीं थे , महिलाएं काफी देर बैठी रहीं इनमें कुछ बुजुर्ग महिलाएं भी थीं, महिलाएं जिद पर अड़ी थी कि मंत्री जी से मिले बिना नहीं जाएँगी, कुछ घंटे बाद ऊर्जा मंत्री घर पहुंचे , उन्हें महिलाओं ने बताया कि वे उनके क्षेत्र की कलारी से परेशान हैं उसे वहां से हटाया जाये। ऊर्जा मंत्री ने उनकी बात सुनी और भरोसा दिया कि वे खुद क्षेत्र में आएंगे और इस समस्या का कोई हल निकालेंगे, इसके बाद महिलाओं ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया और अपने घर वापस जाने लगी, पैदल घर वापस जाते देख मंत्री जी का दरियादिल जग गया ।
ऊर्जा मंत्री ने महिलाओं को रोका, अपने स्टाफ को बुलाया , अपने वाहनों में महिलाओं को बैठाया, खुद दरवाजा बंद कर हाथ जोड़कर प्रणाम किया और उन्हें घर भेज दिया, जब मीडिया ने उनसे इस व्यवहार की बात की तो उन्होंने कहा वे महिलाएं सुबह से आईं थी मैं देरी से यहाँ पहुंचा , वे परेशान थी, आखिर वे मेरी बहन, मेरी माँ समान हैं इसलिए मैंने उन्हें सम्मान सहित वाहनों से उनके घर पहुंचा दिया।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....