Harda News: हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद सीएम मोहन यादव लगातार एक्शन में है। हरदा के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया है। इसके साथ ही साथ बीना में कारखाना निरीक्षक के पद पर पदस्थ नवीन कुमार बरवा को निलंबित कर दिया गया है। बरवा का निलंबन आदेश ही बता रहा है कि इस अधिकारी की लापरवाही के चलते हरदा में यह फैक्ट्री अब तक संचालित हो रही थी।
हरदा हादसे में अब एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। श्रम विभाग में पदस्थ कारखाना निरीक्षक और सहायक संचालक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा नवीन कुमार बरवा को निलंबित कर दिया है।
यह है मामला
दरअसल, नवीन कुमार बरवा पर आरोप है कि वे 2015 में जब कारखाना निरीक्षक और सहायक संचालक स्वास्थ्य और सुरक्षा भोपाल थे तब उन्होंने 7 और 8 जुलाई 2015 को अग्रवाल फायरवर्क्स, हरदा का निरीक्षण किया था और फैक्ट्री में नियमानुसर संचालन न होने, अवैध रूप से पटाखे का निर्माण होने और सुरक्षा के उपाय न होने जैसी कई कमियां पाई थी। इसी पर नवीन कुमार बरवा ने न्यायिक मजिस्ट्रेट हरदा के समक्ष राजेश अग्रवाल के खिलाफ परिवाद पेश किया था।
अब क्योंकि इस मामले में नवीन कुमार ही जांच पड़ताल करने वाले अधिकारी थे और परिवाद भी उन्होंने पेश किया था इसीलिए आरोपों को सिद्ध करने की जिम्मेदारी उन्हीं के ऊपर थी। लेकिन कई बार अदालत के द्वारा सम्मन भेजे जाने, जमानती और गिरफ्तारी वारंट भेजे जाने और मोबाइल पर सूचित करने के बाद भी नवीन कुमार कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए और इसके चलते राजेश अग्रवाल को संदेह का लाभ मिला और उसे न्यायालय ने बरी कर दिया।
न्यायालय ने श्रम विभाग से नवीन कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा भी की थी। लेकिन आला अधिकारियों ने उन्हें बचा लिया और उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब जब हरदा का यह हादसा हुआ है तब नवीन कुमार बरवा को निलंबित कर दिया गया है और निलंबन अवधि में उन्हें इंदौर ऑफिस अटैच कर दिया गया है।
यह पूरा मामला यह बताता है कि सरकारी अमले ने किस कदर लापरवाही की और कहीं ना कहीं इस हादसे की एक बड़ी वजह नवीन कुमार जैसे अधिकारी भी हैं जिन्होंने न जाने किस लाभ के चलते अपराधी का साथ दिया और इसके चलते यह दिन मध्य प्रदेश और देश को देखना पड़ा।