जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) में सडक़ों को दुरुस्त करने की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार की तरफ से हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस व्ही.के शुक्ला की युगलपीठ को बताया गया कि सडक़ निर्माण के लिए वर्क आर्डर जारी कर दिए गए हैं। सडक़ निर्माण में कुछ निजी जमीन आ रही है। जिन्हें प्रक्रिया के तहत अधिग्रहित किया जाएगा।
दरअसल पायली गांव के वाशिंदों की पत्र याचिका को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने सरकार को सडक़ों को दुरुस्त करने और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि, सिवनी जिले के घंसौर विकासखण्ड के ग्राम पायली में रहने वाले चेनसिंह डेहरिया व अन्य की ओर से 18 जून को भेजे गए पत्र की सुनवाई हाईकोर्ट द्वारा जनहित याचिका के रूप में की जा रही है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि, रोजगार के साधन न होने के कारण गांव के गरीब अपने परिवार को नहीं पाल पा रहे है। पीएम आवास योजना के तहत वहां पर एक भी मकान नहीं बना है, कलकुही से पायली तक सडक़ न होने से छात्रों को दिवारी, शिकारा और सूरजपुरा के स्कूलों तक आने-जाने में दिक्कतें होती हैं और गांव में कुछ शौचालय आधे-अधूरे बनाए गए हैं, जिससे शौच के लिए लोग जंगल और नर्मदा किनारे जाने को मजबूर हैं।
पूर्व में याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कोर्ट मित्र अधिवक्ता राहुल दिवाकर तथा शासकीय अधिवक्ता को निरिक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि, गांव तक पहुंचने के लिए सडक़ तक नहीं है, इसके अलावा मूलभूर्त सुविधाओं का आभाव है। याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से महाधिवक्ता ने उक्त जानकारी पेश की। अगली सुनवाई 16 दिसम्बर को निर्धारित की गयी है।