इंदौर, आकाश धोलपुरे। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की ये तस्वीरें जाहिर करती है कि मरीज व उनके परिजनों के साथ आये दिन विवाद क्यों सामने आते रहते है। दरअसल, सोशल मीडिया पर जिस महिला गार्ड को एक दबंग सुरक्षाकर्मी के रूप में पेश किया जा रहा है। उसमें कितनी सत्यता है, ये तो पुलिस की जांच का विषय है लेकिन तथ्य हमारे पास है। उस लिहाज से एक बार फिर ये सामने आ रहा है कि एम.वाय. अस्पताल प्रबंधन को डॉक्टरों से लेकर सुरक्षा गाड्र्स तक को ‘विशेष शांति योग’ की ट्रेनिंग देना जरूरी हो गया है।
बता दे कि कुछ दिन पहले ही एमएलसी कराने के दौरान एम.वाय. के डॉक्टर्स ने मरीज, पुलिस और मीडिया पर हमला बोल दिया था और सोमवार की जो तस्वीरे सामने आई है वो इस बात को पुख्ता कर रही है कि एम.वाय. अस्पताल में पीडि़त आते है और आते रहेंगे लेकिन जिम्मेदारी, जिम्मेदारों की है वो अपने कर्तव्यों का पालन पूरी ईमानदारी से करे। अब बता दे कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे कथित तौर पर एक युवक पर चोरी का इल्जाम लगाते हुए एम.वाय. अस्पताल की महिला सुरक्षा गार्ड उसकी कॉलर पकडक़र उसे घसीटते हुए चौकी ले जाती है और जैसे ही उसे पता चलता है कि मीडिया सामने है तो वो उसे तमाचा भी जड़ देती है। तस्वीरों में आपको घटना के वक्त खाकी वर्दी में पुलिसकर्मी भी नजर आते है लेकिन उनको कुछ नही दिखाई देता है और लोग भी तमाशबीन के रूप में नजर आते हैं।
घटना की बात की जाए तो मामला ये हुआ कि चोइथराम इलाके में रहने वाला युवक मनोज बुखार होने के चलते एम.वाय. में इलाज के लिए पहुंचता है तब ही महिला गार्ड को उससे धक्का लग जाता है जिसके बाद महिला गार्ड नैना शिंदे का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है और वो युवक को कॉलर पकडक़र चौकी ले जाने लगती है इसके बाद रास्ते मे उस पर गार्ड, आरोप लगाती है कि उसने बुजुर्ग का हजारो रुपये से भरा बटुआ उड़ा दिया जिसके चलते वो उसे पुलिस के पास ले जा रही है। इसके बाद युवक को पुलिस के पास ले जाया जाता है जहां युवक खुद को मीडिया के कैमरे के सामने बेकसूर बताने लगा। मनोज नामक युवक ने बताया कि उसे बुखार था इसलिए इलाज के लिए आया था और अचानक मामूली सी टक्कर के बाद उस पर गम्भीर आरोप लगा दिए गए। वही प्रत्यदर्शियों की माने तो आये दिन एम.वाय. कर्मचारी व सुरक्षा गाड्र्स का रवैया लोगो के प्रति ऐसा ही रहता है।
इस पूरे मामले में एक सबसे बड़ा पहलू ये है कि महिला गार्ड पर्स चोरी की बात कर रही है, वही पुलिस ने मोबाइल चोरी के आधार पर जांच कर रही है। बस इसी विरोधाभास के चलते इस पूरे मामले में कई सवाल खड़े हो रहे है। वही मौके पर मौजूद मीडियाकर्मी को जो दिखा वो पुलिस और महिला गार्ड के तर्कों और तथ्यों से बिल्कुल जुदा है क्योंकि मीडिया का कैमरा खुलने के बाद ही मामले में ऐसे मोड़ आये जो घटना पर सवालिया निशान लगाते है। क्योंकि सवाल ये भी उठ रहे है कि पुलिसकर्मियों के आस पास मौजूद होने के बाद महिला गार्ड को मारने व पीटने का अधिकार किसने दिया। फिलहाल, कई सवालों में उलझी ये गुत्थी पुलिस की जांच के बाद ही सुलझ पाएगी। कौन सही है या कौन गलत ये कहना फिलहाल, मुश्किल है लेकिन वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है।