केंद्रीय दल ने फसल क्षति का किया आंकलन ,किसानों की मदद का दिया आश्वासन

होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। जिले के ग्रामों में इंटर मिनिस्ट्रियल केंद्रीय दल द्वारा पिछले दिनों आयी बाढ़ और अतिवर्षा के कारण क्षत्रिग्रस्त हुई फसलों को देखने खेतों में पहुंचे । केंद्रीय दल के साथ कलेक्टर धनंजय सिंह, कृषि विभाग से संयुक्त संचालक जितेंद्र सिंह ,अनुविभागीय अधिकारी आदित्य रिछारिया तहसीलदार शैलेंद्र बड़ोनिया एवं अन्य प्रशासनिक अमला, सरपंच खेड़ला सरवन मीना, पर्रादेह सरपंच कन्हैया लाल वर्मा ने टोल नाके के पास सोयाबीन की फसल देखी और किसानो से बात कर फसल के नुकसान की जानकारी ली । किसान द्वारा लगाई लागत के बारे में चर्चा की गई और जल्द ही केंद्र सरकार से मुआवजा देने की बात की गई। कलेक्टर धनंजय सिंह ने किसानों से कहा प्रदेश सरकार से भी राहत राशि मिलेगी।

साथ ही आईएमसीटी टीम द्वारा किसानों से विस्तृत चर्चा की गई एवं उनकी फसलों को हुए नुकसान के संबंध में जानकारी ली। कृषि वैज्ञानिक केके मिश्रा द्वारा बताया गया कि इस बार सोयाबीन की फसलों में प्रमुख रूप से रेक्टोजोनिया रूट चार्ट एवं लीफ स्पॉट बीमारी अधिक देखी गई तथा जिले में हुई भारी वर्षा से कीट व्याधि के प्रकोप में वृद्धि हुई है, जिससे फसलों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है। सर्वे दल ने पटवारियों द्वारा किए गए फसल क्षति रिपोर्ट का निरीक्षण किया, उन्होंने जिले में हुए फसल क्षति सर्वे कार्य की सराहना की।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।