इन मांगों को लेकर किसान संघ ने सौंपा तहसीलदार को ज्ञापन

Gaurav Sharma
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होशंगाबाद/इटारसी, राहुल अग्रवाल। भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने सांकेतिक धरना देकर तहसीलदार तृप्ति पटेरिया को ज्ञापन सौंपा। संघ पदाधिकारियों ने शीघ्रता से समस्त मांगों का निराकरण करने की बात कही।

जिला प्रवक्ता रजत दुबे ने बताया की प्रदेश व्यापी ज्ञापन के तारतम्य में भारत के प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। वर्तमान में तीन अध्यादेश भारत सरकार लाने वाली है, उसमें अनेको विसंगतियां है जिसके बारे में भारतीय किसान संघ ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया है। साथ ही उसका सुधार करने हेतु ज्ञापन प्रेषित किया है।

इन मांगों को लेकर किसान संघ ने सौंपा तहसीलदार को ज्ञापन

इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खेत को इकाई मान्य की मांग संघ ने की है। फसल बीमा योजना में किसानों के द्वारा जमा की गई राशि तथा बैंक द्वारा केसीसी लिमिट से काटी गई राशि की रसीद बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को देने के आदेश की मांग है। तथा कृषि कार्य में लगने वाले सभी यंत्र एवं रासायनिक दवाई बीज पर जीएसटी की दर न्यूनतम करने की मांग शामिल है तथा बैंकों के द्वारा कृषि लोन एवं केसीसी देने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाकर ऑनलाइन किए जाएं तथा मुद्रा लोन की तरह किसानों को तत्काल कृषि लोन देने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।

इन मांगों को लेकर किसान संघ ने सौंपा तहसीलदार को ज्ञापन

इसके अलावा कृषि कार्य में लगने वाले डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए तथा वर्षा मापी यंत्र संपूर्ण पंचायतों में लगाए जाएं, तथा भारत के सभी जिलों में कृषि महाविद्यालय खोले जाएं तथा छोटी कक्षाओं में भी कृषि विज्ञान की पढ़ाई की जाए। सभी फसलों के समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाए, इसके अलावा मध्यप्रदेश शासन स्तर की प्रमुख मांग थी जो इस प्रकार है

  • खरीफ की फसलों की अतिवृष्टि असलन एवं वायरस के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई की जाए।
  • पूरे प्रदेश में मक्का एवं तिल की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाए।
  • बलराम तालाब योजना पुनः शुरू किया जाए।
  • किसानों को 14 घंटे 3 फेस बिजली प्रदान की जाए।
  • मुख्यमंत्री अनुदान योजना से विद्युत ट्रांसफार्मर की योजना पुनः प्रारंभ की जाए।
  • प्रत्येक जिले में महाविद्यालय खोले जाएं।
  • प्रत्येक जिले में खाद बीज दवाई की जांच के लिए लैब स्थापित की जाए ताकि किसान नकली सामान खरीदने से बच सकें।
  • तहसील स्तर की समस्या है जैसे विगत दिनों में आई बाढ़ से ग्राम पाहनवर्री में अत्यधिक नुकसान हुआ था। जिसके बारे में भारतीय किसान संघ ने अवगत कराया था, लेकिन उन्हें वर्तमान समय तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्हें राहत राशि एवं मुआवजा भी प्रदान नहीं हुआ है। शीघ्रता से राहत राशि प्रदान की जाए एवं तवा के किनारे पिचिंग का निर्माण किया जाए, जिससे किसानों का भविष्य सुधर सके।
  • इटारसी तहसील के अंतर्गत अनेकों ग्रामों में सोयाबीन मक्का एवं धान की फसलें खराब हुई थी वर्तमान समय तक कोई राहत राशि नहीं दी गई शीघ्रता से राहत प्रदान की जाए।
  • इटारसी तहसील में यूरिया एवं डीएपी की संपूर्ण व्यवस्था की जाए ।

    ज्ञापन सौंपते समय भारतीय किसान संघ की तहसील अध्यक्ष राम दुबे जिला उपाध्यक्ष मोर सिंह राजपूत तहसील उपाध्यक्ष श्याम शरण तिवारी तहसील मंत्री लीलाधर राजपूत ,सरदार यादव , जगदीश कुशवाह, जीवन उईके,रामकिशोर राजपूत,सुभाष साद राजेश साथ श्याम किशोर लोबंसी, सियाराम चौरे,सद्दाम पटेल रामस्वरूप पटेल जगदीश कुशवाहा ,राम मोहन साहू डोरी राजपूत, बद्री कुशवाह, बलराम, कमलेश कुशवाहा, जगन कुशवाह, फूलचंद कुशवाहा, मनोज कुशवाह, छोटेलाल कुशवाहा,एवं अन्य किसान उपस्थित थे ।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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