होशंगाबाद, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में घोटाला (Scam) का एक बड़ा मामला सामने आया है। जहां तत्कालीन डीएफओ (DFO) सहित वनोपज कार्यालय के अन्य अधिकारी द्वारा केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई राशि को आहरित कर लिया गया। मामले की जांच के बाद भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी कर्मचारियों को आरोप पत्र दिए जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के होशंगाबाद (hoshangabad) जिले के डीएफओ कार्यालय में अनियमितताओं के साथ-साथ भ्रष्टाचार के जड़ पनप रहे थे। जहाँ केंद्र सरकार (central government) द्वारा लघु वनोपज के लिए जिले को 5 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी। इस मामले में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है।
दरअसल होशंगाबाद के जिला लघु वनोपज कार्यालय में तत्कालीन डीएफओ स्तर के अधिकारी द्वारा लेखा अधिकारी से सांठगांठ कर फर्जी बिलों को तैयार किया गया। जिसके बाद भारी-भरकम राशि को कार्य के नाम पर आहरित किया गया। हालांकि फर्जी बिल में दर्शाए कोई भी काम योजना के मापदंड के अनुरूप नहीं किए गए हैं।
Read More: अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर सख्त शिवराज सरकार, विधेयक में किए महत्वपूर्ण प्रावधान
घोटाले की शिकायत के बाद पूरे प्रकरण की जांच की गई। जिसमें भारी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार सामने आए। वही भ्रष्टाचार में संलिप्त आरोपी अधिकारी कर्मचारियों को आरोप पत्र दिए जा रहे हैं। इस मामले में होशंगाबाद मुख्य वनरक्षक अधिकारी आर पी राय का कहना है कि आरोप पत्र बनाकर भोपाल मुख्यालय भेजा गया है। शासन स्तर पर भ्रष्टाचार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मामला 2018 का है। जब केंद्र सरकार द्वारा औषधि योजना के अंतर्गत राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा 5 करोड़ रुपए की राशि जिला वनोपज संघ होशंगाबाद को दी गई थी। इधर जुलाई 2019 तक कार्य को पूरा करना था लेकिन तत्कालीन डीएफओ अजय कुमार पांडे द्वारा इस राशि का आहरण कर अधिकारी कर्मचारियों को बांटे गए। इस मामले में न तो वनों में औषधि प्रजाति के बीज एकत्र कराए गए और ना ही स्थानीय पौधों की नर्सरी तैयार हुई।
हालांकि तत्कालीन डीएफओ ने लेखा अधिकारी के साथ मिलकर फर्जी बिल तैयार किए और रुपयों की बंदरबांट की। डीएफओ द्वारा बिना गड्ढे खोदे पौधे का बिल तैयार करवाया गया इसके अलावा 1 गस्ती दर्शा कर 5 लाख के टीए बिल लेने का भी प्रयास किया गया था। वही अब इस मामले में तत्कालीन डीएफओ अजय पांडे पर चार्जशीट तैयार की जा रही है