बाबूलाल चौरसिया की एंट्री से कांग्रेस मे बवाल, कमलनाथ के समर्थन में उतरे कार्यकर्ता

Pooja Khodani
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कमलनाथ

होशंगाबाद, राहुल अग्रवाल। बीते कई दिनों से कांग्रेस (Congress) में लगातार खींचतान चल रही है। साथ ही कांग्रेस की आपसी गुटबाजी खुलकर सामने आई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव (Arun Yadav) ने पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) पर गोडसे (Nathuram Godse) समर्थक बाबूलाल चौरसिया (Babulal Chaurasia) की कांग्रेस में वापसी पर खुलकर मोर्चा खोल दिया।

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अभी तीखे बयानबाजी का दौर चल ही रह था कि अपने तीखे बयानों से चर्चा में रहने बाले पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए बोला था कमलनाथ (Kamal Nath) जी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह गोडसे की विचारधारा के साथ हैं या गांधी (Mahatma Gandhi) जी की विचारधारा के साथ । जिस तरीके से उन्होंने अडानी और अंबानी की तारीफ पिछले दिनों में करी है उससे यह स्पष्ट होता है कि वह हमेशा से पार्टी की विचारधारा के विपरीत चले हैं ।

वही काँग्रेस (Congress) के जिला अध्यक्ष सत्येंद्र फौजदार ने मानक अग्रवाल (Manak Aggarwal को भाजपा(BJP) का एजेंट बताकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi से अग्रवाल को पार्टी से बाहर करने का पत्र तक लिख दिया ।साथ ही आज भी कमलनाथ प्रशंसक फोरम के सदस्यों ने टेलीफोन एक्सचेंज चौराहे पर मानक अग्रवाल का पुतला दहन किया एवं मानक अग्रवाल मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

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ज्ञात हो कि नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) का मंदिर बनाने की मांग करने वाले हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha) के पार्षद बाबूलाल चौरसिया पिछले दिनों कांग्रेस में शामिल हो गए। कमलनाथ की उपस्थिति में उन्होंने सदस्यता ग्रहण की थी। जिसके बाद बाबूलाल चौरसिया का विरोध शुरू हो गया है और पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव, सुभाष सोजतिया, मीनाक्षी नटराजन सहित कई नेताओं ने कमलनाथ (Kamal Nath) के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।वही समर्थक भी खुलकर कमलनाथ के समर्थन में उतर आए है और विरोधियों के सड़क पर उतरकर पूतले फूंक रहे है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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