IIT Indore: आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर मनीष कुमार गोयल और उनकी टीम इस महत्वपूर्ण कार्य को लीड करेंगी। इसमें नर्मदा बेसिन के तलछट-दूषित क्षेत्रों और कटाव वाले हॉट स्पॉट की पहचान की जाएगी और एक विस्तृत जल बजट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। नर्मदा बेसिन का कुल जलग्रहण क्षेत्र 98,796 वर्ग किमी में से करीबी 86 फीसदी मध्यप्रदेश, 11 फीसदी गुजरात, 2 फीसदी महाराष्ट्र और करीब 1 फीसदी छत्तीसगढ़ में है।
पूरे देश में पांच नदियों पर होगी रिसर्च
महानदी नदी बेसिन का अध्ययन एनआईटी रायपुर और एनआईटी राउरकेला करेगा, गोदावरी बेसिन का अध्ययन आईआईटी हैदराबाद और एनईईआरआई नागपुर करेंगे, कावेरी नदी बेसिन का अध्ययन आईआईएससी बेंगलुरु और एनआईटी त्रिची द्वारा किया जाएगा, और पेरियार नदी बेसिन का प्रबंधन आईआईटी पलक्कड़ और एनआईटी कालीकट द्वारा किया जाएगा। यह रिसर्च पूरे देश में पांच प्रमुख नदियों पर की जाएगी।
गोयल ने बताया, “रिसर्च से होंगे कई लाभ”
प्रोफेसर मनीष कुमार गोयल ने बताया, “यह रिसर्च हमें नर्मदा बेसिन के जल संग्रहण क्षेत्रों की अच्छे से समझने में मदद करेगी। हम इसे एक व्यापक जल बजट रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत करेंगे, जिससे सरकार और संबंधित स्थानीय अधिकारियों को सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इससे नर्मदा बेसिन के जल संबंधी परियोजनाओं के विकास में भी सुधार होगा।” उन्होंने इस रिसर्च के सकारात्मक परिणामों से बचाव और जल संबंधित अन्य क्षेत्रों में भी लाभ होने की उम्मीद जताई।
इस पहल के बाद, सरकार ने पूरे देश में पांच मुख्य नदियों – गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा, और ब्रह्मपुत्र के बेसिन पर रिसर्च करने का निर्णय लिया है। इस प्रयास से नदी सुरक्षा, जल संग्रहण, और प्रबंधन में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे देश की जल संकट स्थिति में सुधार हो सकता है।