एंटी माफिया अभियान में मुक्त कराई 20 करोड़ की भूमि, चल रहे थे मैरिज गार्डन

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। प्रदेश में चल रहे एंटी माफिया अभियान (anti mafia campaign) के तहत ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) ने आज बुधवार को एक बड़ी कार्यवाही करते हुए करीब 20 करोड़ रुपये की भूमि को भू माफिया (land mafia) के कब्जे से मुक्त कराकर उसका कब्ज़ा उसके मालिक को सौंप दिया। कब्ज़ा करने वाले लोग बेशकीमती जमीन पर दो मैरिज गार्डन चला रहे थे साथ ही उन्होंने जमीन का एक बड़ा भाग किराये पर दे दिया था जिसमें गैराज चल रहा था।

एंटी माफिया अभियान में मुक्त कराई 20 करोड़ की भूमि, चल रहे थे मैरिज गार्डन

एंटी माफिया अभियान में मुक्त कराई 20 करोड़ की भूमि, चल रहे थे मैरिज गार्डन

ग्वालियर (Gwalior News) के बहोड़ापुर ग्राम में स्थित अनिल जैन और शैलेन्द्र जैन की जमीन पर पंचम सिंह और सूरज सिंह आदि द्वारा कब्जा किये जाने का मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में चल रहा है। न्यायालय ने पिछले दिनों 20 दिसंबर को जिला प्रशासन को आदेश दिया था कि जमीन से कब्ज़ा हटाकर उसके वास्तविक स्वामी को सौंप दिया जाये।

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न्यायालय (MP High Court) के आदेश पर प्रशासन ने पंचम सिंह, सूरज सिंह को 3 दिन में अवैध कब्ज़ा हटाने के लिए  नोटिस जारी किये लेकिन  भू माफिया ने कब्ज़ा नहीं हटाया।  प्रशासन ने फिर नोटिस दिया लेकिन अवैध कब्ज़ा नहीं हटाया गया। चूँकि जिला प्रशासन को न्यायालय में 5 जनवरी 2022 को कम्प्लाइंस रिपोर्ट पेश करनी है इसलिए जिला प्रशासन ने आज बुधवार को कार्यवाही की और अवैध रूप से संचालित स्वयंवर वाटिका, राधिका गार्डन और वाहिद मोटर वर्क्स गैराज को गिरा दिया और जमीन का कब्ज़ा अनिल जैन, शैलेन्द्र जैन को सौंप दिया।

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अवैध कब्ज़ा हटाने की कार्यवाही एसडीएम प्रदीप तोमर के नेतृत्व में राजस्व अमले और नगर निगम के मदाखलत अमले ने की।  एसडीएम प्रदीप तोमर ने कहा की बहोड़ापुर ग्राम के विभिन्न सर्वे नंबरों पर स्थित अनिल जैन शैलेन्द्र जैन की करीब साढ़े तीन बीघा जमीन पर पंचम सिंह, सूरज सिंह ने कब्ज़ा कर लिया था जिसने न्यायालय के आदेश पर मुक्त करा लिया गया है। मुक्त कराई गई जमीन की कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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