इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर (Indore) से हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है कि इंदौर शहर से 40 किलोमीटर दूर महू तहसील के बाई गांव में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही की वजह से दो मासूमों की जान चली गई। इतना ही नहीं तीसरा बच्चा अभी भी बीमार है।
दरअसल, गांव के एक मजबूर परिवार ने अपने दो बच्चों को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से खो दिया। वहीं अभी तीसरा बच्चा भी तेज बुखार से तड़प रहा है। जानकारी के मुताबिक, पहले मां और बच्चों को तेज बुखार आया था जिसके बाद वह इलाज के लिए गए लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल पाया। ऐसे में उन्हें तुरंत इंदौर लेकर आया गया। लेकिन तब तक बच्चों की जान चली गई। वहीं एक बच्चा अभी भी नाजुक है।
मौत का पता चलते ही फरार हो गया झोलाछाप डॉक्टर –
इस मामले को लेकर बच्चों के पिता का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र बंद था जिसकी वजह से हमें गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास जाना पड़ा लेकिन उस डॉक्टर को दिखाने के बाद बच्चों का बुखार और बढ़ गया। ऐसे में जब बच्चों की मौत का पता चला तो डॉक्टर अपना क्लिनिक बंद करके फरार हो गया। जब ये मामला प्रशासन तक पहुंचा तो ये बात सामने आई।
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अब इस मामले को लेकर प्रशासन जांच में जुट चुका है। परिजनों का कहना है कि गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं रहती है। आधे टाइम वो बंद रहते हैं इस वजह से लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों के पर अर्जेंट में जाना पड़ता है। ऐसे में 30 किलोमीटर दूर महू या फिर इंदौर जाना पड़ता है लेकिन तब तक इंसान को बचा पाना मुश्किल हो जाता है।
परिजनों ने ये भी बताया कि जब मीडिया ने इस बात का पता लगाने की कोशिश की तो यहां की एक महिला कर्मचारी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। साथ ही उसकी स्थिति बताने में भी अच्छा रवैया नहीं अपनाया। अभी जो हादसा हुआ है वो नहीं होता अगर यहां का स्वास्थ्य केंद्र खुला रहता तो। स्वास्थ्य केंद्र बंद होने की वजह से दो बच्चों की इलाज नहीं मिल पाने की वजह से जान चली गई।