इंदौर,स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। इंदौर (indore) के चिड़ियाघर (zoo) में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने सबको हैरान कर डाला। दरअसल, यहां एक शेरनी (lioness) ने तीन दिन पहले जिस बच्चे को जन्म दिया था वो उसे ही खा गई। कुछ देर के लिए शेरनी की ये हरकत आप को चौंका सकती है लेकिन जू प्रभारी (zoo-incharge) ने इसके पीछे भी एक बड़ी वजह बताई है।
इस तर्क को इस बात से समझा जा सकता है कि अपनी खुद की संतान अगर पैदाइशी तौर पर कमजोर हो तो कुछ जानवर उसे मार कर खा जाते है। चौंकिये मत, ये पद्धति या फिर कहा जाए ये फितरत इंसानो में नहीं बल्कि मूक प्राणियों में पाई जाती है। ये बात हम नहीं कह रहे है बल्कि इंदौर जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने कही है। दरअसल, तीन दिन पहले इंदौर के चिड़ियाघर में मेघा नाम की शेरनी ने तीन शावको को जन्म दिया था। ज़ू प्रभारी डॉक्टर उत्तम यादव की माने तो उनमें एक शावक कमजोर था और तीन दिन गुजरने के बावजूद शावक की हालत सुधरने के बजाय बिगड़ती जा रही थी जिसके बाद अंत मे उसकी माँ मेघा ने अपने बच्चे को ही खा लिया। शेरनी मेघा के इस फैसले को लेकर को तो कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि मूक प्राणियों का जीने का तरीका और सिद्धांत आम मनुष्य से अलग होते है।
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बता दें कि तीन दिन पहले ही शेरनी ‘मेघा’ ने तीन शावकों को दिया जन्म दिया था। चिड़िया घर प्रभारी उत्तम यादव ने मीडिया को इस घटना के बारे में बताया और कहा कि मूक प्राणियों में ये एक जन्मजात विकृति होती है। हालांकि, तीन शावकों के जन्म से जू के कर्मचारियों में उत्साह का माहौल देखा गया था लेकिन इस घटना के बाद खुशी काफुर होती देखी गई। अपको बता दे की शेरनी मेघा की उम्र जहां 10 साल की है और तीन दिन पहले जन्मे तीनों शावकों को मिलाकर शेरों का कुनबा बढ़कर 13 हो गया था लेकिन एक शावक को शेरनी के खाये जाने के बाद अब संख्या घटकर 12 रह गई है।