इंदौर, आकाश धोलपुरे। कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (Vivek Tankha) ने जनसँख्या नियंत्रण कानून का समर्थन किया है, उन्होंने इंदौर (Indore) में कहा कि ये कानून देश हित में है और इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता विवेक तन्खा (Vivek Tankha)शनिवार को इंदौर में आयोजित मानव सेवा सम्मान कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने कोरोना में अलग – अलग फील्ड में बेहतर कार्य करने वाले सेवाभावी सेवकों का सम्मान किया। इसके बाद वो इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस से मिलिये कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां उन्होंने कहा कि वो जनसंख्या नियंत्रण कानून के समर्थक है और ये देश हित में है। हालांकि उन्होने ये भी कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून के राजनीतिकरण का विरोधी हूँ। उन्होंने भाजपा और केंद्र से आग्रह किया कि इस राष्ट्रीय मिशन को पार्टी के वोट इश्यू से ऊपर रखे नहीं तो राष्ट्र फिर से पिछड़ जाएगा।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद एवं भारत के पूर्व अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल विवेक तन्खा (Vivek Tankha)ने कहा कि राजनीति में आप किसी भी पद पर रहे लेकिन उद्देश्य मानव सेवा ही होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। इधर कोरोना की तीसरी को लेकर राज्यसभा सांसद ने कहा कि तीसरी लहर को लेकर सभी को तैयार रहना चाहिए और वे कमलनाथ जी सेआग्रह करेंगे कि यदि तीसरी लहर आती है प्रदेश के सभी कांग्रेस कार्यालय को कोविड केयर सेंटर बनाए जाए।
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विवेक तन्खा ने कांग्रेस अध्यक्ष के सवाल पर कहा कि इस मामले में पार्टी हाईकमान सबकुछ तय करेगी हालांकि उन्होंने मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को कांग्रेस पार्टी का सबसे सीनियर लीडर बताते हुए कहा कि यदि कमलनाथ को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाता है तो ये अच्छी बात होगी। वहीँ उनसे जब पूछा गया कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी कब होगी तो उन्होंने कहा कि जिस तरीके से समुद्र में हाई टाइड और लो टाइड की स्थितियां बनती है उसी तरीके से राजनीति में भी स्थितियां बनती है और मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस पक्ष में जब हाई टाइड रहेगा तो वह सत्ता में जरूर आएगी।
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मध्य प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा बोले कि जिन व्यक्तियों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है उनके परिवारों को 4 लाख रुपये राहत राशि के रूप में मिलना चाहिए और यह राशि केंद्र सरकार ने निर्धारित की थी और उसे वापस ले लिया इसी बात को लेकर और लोगों को उसका हक दिलाने के लिए हम न्यायालय की शरण में गए हैं।
देश की आर्थिक स्थिति को लेकर विवेक तन्खा ने कहा कि हर चीज की मार्केटिंग नही हो सकती है और यदि सरकार मार्केटिंग में लग जाती है तो सीरियस इश्यू को भूल जाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले पांच साल में रिजर्व बैंक के कितने गवर्नर बदले हैं जबकि उसके पहले एक गवर्नर 6 साल तक चलते थे। वही चीफ इकॉनामी एडवाइजर अपने पद को छोड़कर चले गए है। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि आपको यदि इकॉनामी के आधार पर देश को चलाना है तो इन इकनॉमिस्ट की बात सुनना पड़ेगी। वही उन्होंने जीएसटी लाकर सरकार ने टैक्स को सेलिब्रेट किया जबकि टैक्स एक बर्डन (भार) होता है।
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विवेक तन्खा ने इसके अलावा कई मुद्दों पर बेवाकी से अपनी राय रखी और कहा कि आपदा के दौर में दूसरी बीमारियों के मरीजो को भी नही भूला जाना चाहिए साथ कोरोना की संभावित तीसरी लहर से राज्यसभा सांसद ने सभी को सचेत रहने की बात भी कही।