इंदौर पुलिस विभाग के 62 वर्षीय सहायक उपनिरीक्षक भगवती शर्मा शनिवार को कोरोना वायरस से जंग जीतकर चोइथराम हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए। इस मौके पर इंदौर पुलिस विभाग ने उनके भव्य स्वागत का आयोजन किया, जिसके चलते एक विशेष वाहन भी तैयार करवाया गया। पुलिस बैंड द्वारा उन्हें हॉस्पिटल से घर तक ससम्मान छोड़ने की योजना पहले से बना ली गई थी। इसके पीछे इंदौर पुलिस का मकसद इतना था कि यदि एक 62 वर्षीय पुलिसकर्मी अन्य बीमारियों से पीड़ित होने के बावजूद कोरोना से जंग जीत सकता हैं तो कोई भी कोरोना वायरस को हराकर स्वस्थ हो सकता है ।
बता दे कि चोइथराम हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने वाले सहायक उपनिरीक्षक भगवतीशरण शर्मा के लिये बकायदा हॉस्पिटल के एंट्रेंस से एग्जिट गेट तक रेड कारपेट बिछाया गया था, वही पुलिस बैंड द्वारा शानदार धुन बजायी जा रही थी। भगवतीशरण शर्मा ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित हो गए थे और वह पहले से ही डायबिटीज और अन्य बीमारियों के ग्रसित थे। ऐसे में कोरोना से उन्हें ज्यादा खतरा था लेकिन उनके हौसलों के आगे कोराना की बीमारी भी मामूली साबित हुई और वे कोरोना को हराने में सफल रहे। इस मौके पर डीआईजी हरिनारायणचारि मिश्रा,एस.पी. हेड क्वार्टर सूरज वर्मा सहित विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे। सहायक उपनिरीक्षक का हॉस्पिटल से घर तक जगह-जगह पर पुलिसकर्मियों ने शानदार स्वागत किया। हॉस्पिटल से लौट रहे भगवतीशरण शर्मा ने बताया कि 45 साल से वो पुलिस विभाग में काम कर रहे है और आज तक उनका ऐसा भव्य स्वागत कभी नहीं हुआ। आज उन्हें गर्व है कि पुलिस विभाग उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। लोगो से अपील करते सहायक उपनिरीक्षक ने कहा कि इस बीमारी का डटकर मुकाबला करें अंत में जीत आप ही की होगी ।
वहीं डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा ने कहा है कि भव्य आयोजन का सिर्फ एक ही मकसद है कि कोरोना बीमारी को लेकर बनी मिथ्या को तोड़ा जाए कि उम्रदराज और अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह बीमारी काफी घातक है और पुलिस विभाग के एक पुलिसकर्मी ने इस मिथ्या को तोड़ा है और कोरोना पर जीत हासिल की है।